कौशल भारत ने बिजली पहुंचाने के लिए उर्जा मंत्रालय के साथ हाथ मिलाए

नई दिल्ली। ग्रामीण युवाओं के विकास और कल्याण के उद्देश्य के साथ कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने आज एक महत्वाकांक्षी योजना प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य के माध्यम से देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए उर्जा मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। 16,320 करोड़ रु क निवेश के साथ देश के हर घर तक बिजली पहुंचाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, इसके लिए सरकार की ओर से बजट में भी 12,320 करोड़ रु का सहयोग दिया गया है। इस परियोजना को कामयाब बनाने के लिए बड़ी संख्या में कुशल युवाओं की आवश्यकता होगी, जो विभिन्न जाॅब रोल्स में कुशल हों। योजना को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए छह राज्यों आसाम, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, ओड़ीशा और उत्तर प्रदेश में व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रोग्राम का लाॅन्च किया गया है। इन छह राज्यों में 47000 और देश भर में 55000 युवाओं को दो जाॅब रोल्स लाईनमैन वितरण (बहु-कौशल) और टेकनिकल हेल्पर में प्रशिक्षित किया जाएगा।
लाॅन्च वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से किया गया। इस मौके पर शिरकत करने वाले दिग्गजों में शामिल थे डाॅ नीरा यादव, माननीय श्रम एवं कौशल विकास मंत्री, उत्तरप्रदेश तथा श्री दीपक जोशी, माननीय कौशल मंत्री, मध्यप्रदेश। मंत्रियों ने परियोजना से जुड़ी चुनौतियों और लक्ष्यों पर चर्चा की। 200 ज़िलों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए देश भर में इस योजना को अंजाम दिया जाएगा, ज़िला स्तर पर विकेन्द्रीकृत मोड में कौशल गतिविधियों की प्रस्तावना दी गई है। प्रशिक्षण का बुनियादी ढांचा ज़िला स्तर पर आईटीआई में उपलब्ध होगा तथा राज्य विद्युत वितरण संस्थाओं के पास मौजूद सुविधाओं का इस्तेमाल उम्मीदवारों के कौशल प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा।
देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बिजली की भूमिका पर रोशनी डालते हुए तथा सभी साझेदारों को परियोजना की कामयाबी में योगदान हेतू बधाई देते हुए माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा, ‘‘आज का यह ऐलान हमारे देश के विकास में नया अध्याय है। यह परियोजना माननीय प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण वन टीम इंडिया के अनुरूप है। हमारा कौशल भारत प्रोग्राम उर्जा मंत्रालय को अपना समर्थन प्रदान कर रहा है और इसके लिए हमें आरईसी, एनएसडीसी और सम्बन्धित राज्य सरकारों से भी सहयोग मिल रहा है। यह इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे एक संयुक्त प्रणाली परियोजनाओं की दक्षता को सुनिश्चित कर सकती है।’’
उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना के लिए अनुमानित व्यय 16000 करोड़ रु है, जिसमें से 25 फीसदी लागत मानव संसाधन के वेतन आदि पर खर्च की जाएगी। यह परियोजना बड़ी संख्या में कुशल उम्मीदवारों को रोज़गार के अवसर प्रदान करेगी। हम देश भर के उर्जा मंत्रालयों के साथ काम करते हुए सुनिश्चित करेंगे कि हमारे युवा इस अवसर का लाभ उठा सकें और बेहतर आजीविका कमा सकें।
इस साझेदारी पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए माननीय उर्जा मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), श्री राज कुमार सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के सक्षम नेतृत्व में हम सुनिश्चित करेंगे कि देश के हर घर तक बिजली का कनेक्शन पहुचे, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी बिजली मुहैया कराई जाए। हमारी सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम जैसे 2015 में लाॅन्च की गई दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना तथा सौभाग्य योजना इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। हमारी विभिन्न परियोजनाओं में कुशल मैनपावर सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में हमारी यह पहल देश के हर घर तक बिजली पहुुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी। हमें विश्वास है कि यह साझेदरी गांवों तक बिजली पहुंचाने में कारगर साबित होगी।’’
सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत इस विशेष परियोजना का ऐलान किया गया है। परियोजना की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 47,000 वितरण लाईनमैन मल्टी-स्किल्स और 8500 टेकनिकल हेल्परों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ठेकेदारों के साथ पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को कौशल विकास प्रोग्राम के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। अगर फिर भी कर्मचारियों की संख्या कम रह जाती है तो स्थानीय आईटीआई से पास हुए आईटीआई इलेक्ट्रिशियनों को परियोजना के साथ जोड़ा जाएगा। ठेकेदार के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को कुल 48 घण्टे (12 घण्टे ओरिएन्टेशन और 36 घण्टे ब्रिज कोर्स) का प्रशिक्षण दिया जाएगा जबकि नए एवं आईटीआई से पास हुए उम्मीदवारों को 120 घण्टे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सौभाग्य देश भर में बिजली पहुंचाने का बड़ा मिशन है जो उर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। सौभाग्य के कई और फायदे हैं, जैसे इससे ग्रामीण युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और उनके जीवन में उम्मीद और खुशियों की नई किरण आएगी।

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