महामारी को देखते हुए ऐसे आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती । इसके लिए भगवान् जगन्नाथ हमें माफ करेंगे । इसी प्रकार हरियाणा के कुरूक्षेत्र में सूर्य ग्रहण पर न आने की बार बार सूचना दी जा रही है । इसी प्रकार पांडु पिंडारा में न आने की हिदायत दी जा रही है । भगवान् को आराम की जरूरत है या नहीं लेकिन आराम करने दीजिए । कितने युगों से भगवान् ने आराम नहीं किया । हम मंदिरों में जाकर अपने काम उन्हें सौंपते रहे और आराम नहीं करने दिया । कभी उत्तराखंड में तबाही आई और केदारनाथ की यात्रा प्रभावित हुई पर हमने भगवान् को फिर भी न छोड़ा । हर बड़े मंदिर पर हजारों की भीड़ का पहुंचना आम बात है । क्या वैष्णो देवी , क्या तिरुपति बाला जी तो क्या साईं बाबा ,,,हर जगह लाखों लोग प्रतिवर्ष पहुंचते रहे हैं ।
अब भगवान् और देवी देवताओं को आराम करने दीजिए और जो पैसा आप इन यात्राओं पर खर्च करने वाले थे वह पैसा गरीब मजदूरों पर खर्च कीजिए । वह पैसा गरीबों को बांट दीजिए । शायद किसी भी तीर्थ यात्रा से ज्यादा पुण्य आपको मिल जायेगा । कहते हैं न कि कठौती में गंगा । गंगा तीर्थ के लिए किसलिए दूर तक जाना ? कुरूक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर पर सूर्य ग्रहण पर डुबकी लगाने न जाइएगा । घर ही डुबकी लगा कर सूर्य को जलाभिषेक करवा दीजिएगा । बड़ी कृपा होगी । इधर द्वारका गये मोरारी बापू को भाजपा के पूर्व विधायक ने अपशब्द कहे । वे माफी मांगने गये थे किसी टिप्पणी का विरोध होने पर । यही सहनशीलता है हमारी ?
है अंधेरी रात