नये भारत के निर्माण में आज के डॉक्टरों की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका : मनसुख मांडविया

बेंगलुरू। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बेंगलुरू में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (निमहान्स) के 25वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बीएस बोम्मई, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। समारोह में तमाम विशिष्टजन भी उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में 227 स्नातकोत्तर छात्रों को विभिन्न विषयों में डिग्री और प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। तेरह छात्रों को प्रतिभा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। रजत जयंती दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय व्याख्यान में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नये भारत के निर्माण में आज के डॉक्टरों की बहुत अहम भूमिका है और सच्ची प्रतिबद्धता तथा समर्पण से ही यह संभव होगा।
रजत जयंती कार्यक्रम के अवसर पर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने निमहान्स में विभिन्न सुविधाओं का भी उद्घाटन किया। दुनिया की सबसे ज्यादा उन्नत और सटीक क्रेनियल रेडियोसर्जरी प्रणाली (जिसमें विकिरण द्वारा सिर का ऑप्रेशन होता है) और गामा नाइफ आईकॉन का लोकार्पण किया गया। एकीकृत उपचार प्रणाली वाली डंटीग्रेटेड मेडिसिन विभाग का भी उद्घाटन किया गया। उल्लेखनीय है कि इस विभाग में पारंपरिक भारतीय स्वास्थ्य सुविधा को भी शामिल किया गया है, जो आधुनिक बायोमेडिसिन प्रणाली पर आधारित है। इसके अलावा श्री मांडविया ने नर्सों के हॉस्टल का भी उद्घाटन किया।

मांडविया ने निमहान्स में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस समारोह में भी हिस्सा लिया। उन्होंने इस मौके पर मानसिक स्वास्थ्य प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बोलते हुये श्री मांडविया ने मानसिक स्वास्थ्य पर सारगर्भित सामाजिक चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओं को रोका जा सकता है और उनका इलाज भी संभव है। श्री मांडविया ने निमहान्स में ही ‘क्विट टोबैको, बी ए हीरो’ अभियान की शुरूआत भी की।

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