तोगड़िया ने किसानों से एकजुट होने की अपील की

रायपुर। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को किसानों की आत्महत्या के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने किसानों से एकजुट होने की अपील की है। तोगड़िया शहर के ईदगाह भाठा मैदान में बस्तर क्षेत्र से आए किसानों के धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। बस्तर क्षेत्र के किसान राष्ट्रीय किसान परिषद के बैनर के तले इस महीने की 10 तारीख से पैदल यात्रा करते हुए मंगलवार को तीन सौ किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर पहुंचे। तोगड़िया परिषद के संरक्षक हैं। किसानों की पैदल यात्रा मंगलवार को जब शहर के करीब अभनपुर गांव पहुंची तब तोगड़िया भी इस यात्रा में शामिल हो गए।

तोगड़िया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान आजादी के बाद से सरकार की नीतियों के कारण तकलीफ झेल रहा है। आज किसान दुखी ही नहीं है बल्कि कर्ज के बोझ तले दबा हुआ भी है। किसान जो लोगों का पेट भरता है आज उसके बच्चे ही भूखे हैं। विहिप के पूर्व नेता ने कहा “पिछले 17 वर्षों में तीन लाख किसानों ने आत्महत्या की है। यह दुनिया के किसी भी देश में किया गया सबसे बड़ा नरसंहार है। यह सरकार के द्वारा किया गया नरसंहार है। उनकी नीतियों के द्वारा किया गया नरसंहार है।” तोगड़िया ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने वादे से मुकरने को आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को उत्पादन लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वही किया है जो कांग्रेस की सरकार ने किया था। कांग्रेस की सरकार किसानों के लिए समर्थन मूल्य प्रतिवर्ष 50 रुपये बढ़ाती थी। मोदी सरकार ने चार वर्ष में दो सौ रुपये बढ़ाये हैं।

तोगड़िया ने कहा कि किसानों द्वारा निकाली गई पैदल यात्रा किसानों की क्रांति की शुरूआत है। आज किसानों ने पैदल यात्रा की है। लेकिन जो किसान अपने खेत की जुताई के लिए हल चलाता है वह हल उठा भी सकता है। उन्होंने किसानों को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक समर्थन मूल्य देने, सब्जियों, फलों और दूध के लिए भी समर्थन मूल्य देने, कर्ज माफ करने और किसानों के लिए पेंशन की मांग की। तोगड़िया ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने गांव में अपनी मांगों को लेकर ग्राम सभा का आयोजन करें जिससे राजनीतिक दलों पर मांग पूरी करने के लिए दबाव बनाया जा सके। इससे पहले तोगड़िया ने बस्तर से पैदल रायपुर पहुंचे कुछ किसानों के पैर भी धोए।

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