जाम और प्रदूषण से दिल्ली को मिलेगी मुक्ति

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर दिया। बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों को प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।इस एक्सप्रेस वे की सड़कें सौर बिजली से रोशन रहेगी। यह देश का पहला एक्सप्रेस वे होगा जिस पर यह सुविधा मिलेगी। प्रदूषण को कम करने के लिए हाईवे पर हर 500 मीटर पर दोनों तरफ फुव्वारा की व्यवस्था की गई है। इसके साथ हाईवे पर 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा जहां 40 झरने लगे रहेंगे। इस हाईवे का काम पूरा होने में रिकॉर्ड 500 दिनों का समय लगा है। इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र लगाए गए हैं, जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है।बता दें कि एक्सप्रेस वे पर सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया गया है, साथ ही 25 मीटर के साइकल ट्रैक और 2 मीटर के फुटपाथ की भी व्यवस्था की गई है।दावा किया जा रहा है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे शुरू होने से दिल्ली में 41 प्रतिशत ट्रैफिक जाम और 27 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा। इससे दिल्ली और दिल्ली से सटे आसपास की जनता को बहुत राहत मिलेगी।
और तो और, इससे दिल्ली से मेरठ की यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। दिल्ली के सराय काले खान से यूपी गेट तक फैले इस 14 लेन के राजमार्ग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री एक खुली कार में सवार हुए और राजमार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में एकत्र लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। सड़क परिवहन एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी एक अलग खुली कार में मोदी के साथ चल रहे थे। यह रोड शो निजामुद्दीन पुल से शुरू हुआ। यह दिल्ली – मेरठ एक्सप्रेसवे के, करीब नौ किलोमीटर लंबे पहले चरण का शुरूआती हिस्सा है। इस मार्ग पर छह किलोमीटर चलने के बाद मोदी उत्तर प्रदेश के बागपत के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने देश के पहले स्मार्ट और हरित राजमार्ग ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। सरकार द्वारा जारी इस परियोजना के एक विज्ञापन के अनुसार दिल्ली – मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण में 14 लेन के राजमार्ग पर नौ किलोमीटर मार्ग के निर्माण पर 842 करोड़ रुपये की लागत आई है।
दिल्ली – मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से डासना के बीच करीब 28 किलोमीटर मार्ग पर एक साइकिल ट्रैक बनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली से मेरठ की यात्रा का समय घटकर 45 मिनट रह जाएगा। अभी इसमें करीब ढाई घंटे का समय लगता है. इस परियोजना की पूरी लंबाई 82 किलोमीटर है। इसमें से 27.74 किलोमीटर हिस्सा 14 लेन का होगा, जबकि शेष एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा। इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली – मेरठ रोड पर 31 ट्रैफिक सिग्नल हट जाएंगे. यह सिग्लन या लालबत्ती मुक्त क्षेत्र हो जाएगा। यह इस इलाके का सबसे व्यस्त मार्ग है। मोदी ने दिसंबर , 2015 में दिल्ली – मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इसके निर्माण की लागत 7,566 करोड़ रुपये थी।

इस परियोजना का निर्माण चार खंडों … निजामुद्दीन पुल से यूबी बॉर्डर, यूपी बॉर्डर से डासना, डासना से हापुड़ और हापुड़ से मेरठ … में किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर डासना – हापुड़ के 22 किलोमीटर के खंड को छह लेन का करने पर 1,122 करोड़ रुपये की लागत आई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.