कोरोना महामारी के दौरान भाईचारा मजबूत कर रहा है यूनिसेफ इंडिया

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती के रूप में सामने आई है एवं इसने भारत सहित पूरे विश्व के देशों को बुरी तरह प्रभावित किया हुआ है। इस महामारी का प्रभाव काफी आगे तक असर ड़ाल रहा है एवं अब इसका असर केवल स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति तक सीमित नहीं रह गया है। कोविड-19 जैसी जन स्वास्थ्य आपदा से भय तथा उत्तेजना का माहौल पैदा होता है जिससे तनाव, हिंसा तथा लांछन जैसी घटनाओं में वृद्धि होती है। एक-दूसरे के प्रति भाईचारा, दया, सहयोग एवं सहायता इस समय की आवश्यकता है।

भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक़ का कहना है, ‘‘इस मानवीय आपदा के समय में आस्था एक शक्तिशाली सहारा बन कर उभरती है। आस्थागुरु ऐसे में मूल्यों, मनोवृत्तियों तथा कार्यों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो अंतत: दुनियां के बच्चों के विकास तथा कुशलक्षेम को प्रभावित करते हैं। भाईचारा एवं करुणा इस समय की जरूरत है। हमें केवल तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए न कि गलत सूचना पर। हमें एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए एवं सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करना चाहिए। हम सभी आस्थाओं के नेताओं के पास उनका समर्थन हासिल करने के लिए जा रहे हैं ताकि सबसे अधिक संकटग्रस्त महिलाओं एवं बच्चों को सहायता सुनिश्चित की जा सके एवं इस वक्त उनके अधिकारों की रक्षा जा सके।’’

यूनिसेफ आस्था-आधारित कल्याणकारी संगठनों से अनुरोध करता है कि सार्वजनिक सभाओं, शारीरिक दूरी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारियों के दिशानिर्देशों का सम्मान किया जाए। धार्मिक शिक्षाएं एवं पवित्र पुस्तकें इस बात पर जोर देती हैं कि सफाई पवित्रता का एक अंग है एवं इसी के अनुरूप स्वच्छता तथा साफ-सफाई पर ध्यान केंद्रित किया जाए। प्रेम सभी धर्मों के केंद्रीय तत्व है, इसकी तथा सभी लोगों के सम्मान तथा अधिकारों की रक्षा के लिए ऐसी मनोवृत्ति तथा व्यवहार का सक्रिय संवर्धन किया जाए जो सभी तरह के लांछनों एवं भेदभाव का प्रतिकार कर सके। माता-पिता, बच्चों, बुजुर्गों के साथ-साथ ऐसे लोगों को आध्यात्मिक तथा भावनात्मक देखभाल और सहायता उपलब्ध कराना जो इस महामारी के दौर में विघटन एवं तनाव का सामना कर रहे हैं। अपने बच्चों, परिवारों तथा समुदायों की सुरक्षा, संरक्षण एवं विकास के लिए हमें आशा तथा भाईचारे के लिए एकजुट रहना चाहिए।

आस्था के नेताओं के उद्धरण

स्वामी चिदानंद सरस्वती, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन तथा गंगा ऐक्शन परिवार के संस्थापक, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक

यह बात ह्दय को छू जाती है कि संकट की इस घड़ी में आस्था से जुड़े हुए नेता एकजुट रहने तथा एकता के संदेश को फैलाने में अपना योगदान दे रहे हैं। सभी स्वास्थ्यकर्मी, मीडियाकर्मी मानवता को सहायता देने के लिए अनथक काम कर रहे हैं। इसलिए अपनी सहायता के लिए कृपया उनकी सहायता करें। घर पर रहें। हमें यह सूचना मिल रही है कि इस समय घरेलू हिंसा बहुत ज्यादा बढ़ रही है। हिंसा का सहारा लेने की बजाए, हमें घर पर एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए तथा घरेलू काम प्यार से मिल-जुल कर करने चाहिए। हमें अपना समय विशेष रूप अपने बच्चों की देखभाल में लगाना चाहिए जो इस समय काफी डरे हुए एवं उत्तेजित हैं। इस समय हमें प्रेम तथा दया की भावना फैलानी चाहिए तथा मिल-जुल कर काम करना चाहिए। यह समय शांत रहने का है एवं ध्यान लगाने का है। लोग गलत सूचनाओं से भ्रमित हो जाते हैं और इसीलिए मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे केवल सरकारी अनुदेशों एवं दिशानिर्देशों का ही पालन करें।

मौलाना महमूद मदनी, सेक्रेटरी जनरल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद

“आज जबकि मानवता खतरे में है तो ऐसे समय में हमे अपने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को पूरा समर्थन देते हुए उनके पीछे खड़ा होना चाहिए। यह बेहद शर्मनाक है कि हम स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले कर रहे हैं। यह कृत्य हमारे देश की भावना के अनुरूप नहीं है। अपनी तथा अपने समुदाय की सुरक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। यदि हम में से कोई भी नियमों का पालन नहीं करता है और सोशल डिस्टेंसिग नहीं अपनाता है या लॉकडाउन का पालन नहीं करता है, तो यह पाप होगा, हराम होगा। अपने निजी स्वार्थ या लापरवाही के कारण हमें अपनी या दूसरों की जिंदगी को खतरे में नहीं डालना चाहिए। हमें अपने परिवार एवं अपने समुदायों से मुहब्बत करनी चाहिए।”

फादर पॉल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, कारितास इंडिया

“घर पर रहिए। सामाजिक दूरी बनाए रखिए। इस महामारी से निपटने के लिए सामाजिक दूरी सर्वोत्तम औषधि है। सरकारी प्राधिकारियों द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें। और इस सिद्दांत का पालन करें कि हम किसी को भी हानि नहीं पहुचाएंगे। हम सब एक ही परिवार हैं – वसुधैव कुटुम्बकम। हम अपनी आस्था से अनुप्राणित एवं प्रेरित हैं। मगर कार्य रहित आस्था व्यर्थ होती है। कोरोना से बीमार एवं पीड़ित तथा गली-कूचों में रहने वाले दुखी जनों के जीवन में हम ईश्वर को देखते हैं। मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है – मानव सेवा ही माधव सेवा है।”

मौलाना अनीस उर रहमान, इमारत शरिया, पटना

“इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए बचाव बेहद जरूरी है। लोगों को घरों में ही नमाज़ पढ़नी चाहिए, सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए तथा सरकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।”

सुदर्शन महाराज, आत्म कल्याण केंद्र, पटना

“यह संकट की घड़ी है, साथ ही यह वह घड़ी भी जब हम अपने परिवार के और नजदीक आ सकते हैं। घर पर रह कर, अपने परिवारजनों की मदद कर एवं सामाजिक दूरी बनाए रख कर हम अपने देश को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दे रहे हैं।”

श्री महंत दिव्यगिरी, मनकामेश्वर मठ मंदिर, लखनऊ

“मानवता सभी धर्मों से ऊपर है। आइए, हम एक साथ मिलकर कोविड-19 महामारी से मानवता को बचाएं।”

रेवरेंड फादर ओस्टवाल्ड लूइस, बिशप ऑफ जयपुर

“ईस्टर फ्राइडे के इस पावन अवसर पर हमें यह स्मरण करना चाहिए कि किस तरह हमें स्वतंत्रता देने के लिए यीशु मसीह ने स्वयं को सूली पर चढ़ा दिया था। उनका सूली पर चढ़ना बलिदान, क्षमा तथा प्रेम का प्रतीक था। आज जब हम कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं तो हमें महसूस हो रहा है कि हम अकेले हैं एवं परमपिता हमारी आवाज नहीं सुन रहे हैं, ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि हम घर पर रहें, सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए तथा हाथ धोने के कार्य को करते हुए सुरक्षित रहें तथा स्वस्थ रहें। हम उनके लिए प्रार्थना करें जो इस वायरस से प्रभावित हुए हैं ताकि वे इस वायरस की चपेट से बाहर आ सकें। हम उन स्वास्थ्यकर्मियों तथा अन्य लोगों सुरक्षा के लिए भी प्रार्थना करेंगे जो इस युद्ध को लड़ने में लगे हुए हैं तथा साथ ही हम सरकार के लिए भी प्रार्थना करेंगे जो राजस्थान के लोगों के लिए पूर्ण समर्पण तथा जी-जान से इस युद्ध को लड़ने में लगी हुई है।”

अनवर शाह, डायरेक्टर, अल जामिया तुल आलिया, जयपुर

“विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस बीमारी, कोविड-19, को महामारी घोषित किया है। कोविड-19 एक संक्रामक बीमारी है तथा कोविड-19 से संक्रमित मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसके मद्देनज़र, मेरी आप सभी से गुज़ारिश है: जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि शबेबारात एक अनमोल और पवित्र रात है और इसमें हम अल्लाह सुभानु ताला से यदि हमने कोई गुनाह किए हों तो उसके लिए दया की याचना करते हैं। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि इस महत्वपूर्ण दिन और रात में कृपया अपने घरों में विशेष प्रार्थनाएं करें, निराहार रहें, पवित्र कुरान का पाठ करें तथा अन्य मजहबी क्रिया-कर्म करें। स्वयं को अन्य लोगों को कोरोना वायरस से महफूज़ रखने के लिए कृपया कब्रिस्तान या मस्जिद न जाएं। हमें किसी की मौत का कारण नहीं बनना चाहिए। हमारे क्षेत्र में कोविड-19 का एक केस मिला है, इस वजह से हमारे यहां धारा 144 लगाई गई है तथा कर्फ्यू लगाया गया है। इसके मद्देनज़र, मेरी अपील है कि घर पर रहकर एवं सोशल डिस्टेंसिंग अपना कर सरकार, प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग को सहायता प्रदान करें। इस पवित्र दिन और रात को सरकारी अनुदेशों का पालन करें। मुझे विश्वास है कि एक साथ मिलकर हम कोरोना वायरस का मुकाबला कर सकते हैं। इंशाल्लाह!”

अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी संपतकुमार अवधेशाचार्य जी महाराज, पीठाधीश्वर श्री गलता गद्दी, जयपुर, राजस्थान

“अब तक कोरोना वायरस के कारण “घर पर रहें एवं सुरक्षित रहें” संबंधी सरकारी निर्देशों का लोगों ने बहुत अच्छी तरह से पालन किया है। इससे लोगों को मदद मिली है एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से भी वे लाभान्वित हुए हैं। बैसाख के इस महीने में अक्षय तृतीया तथा रामानुज आचार्य जी जयंती जैसे कई पवित्र दिन पड़ते हैं। पहले की ही तरह मंदिरों में इन्हें मनाया जाएगा। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि कृपया घरों में ही रह कर इन पवित्र त्यौहारों को मनाएं जिससे कि हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हम प्रार्थना जरूर करें पर अपने घरों में रहकर। आप सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि भगवान सर्वत्र हैं तथा हर मंदिर में प्रार्थनाएं की जा रही हैं, बस मंदिरों के अंदर भक्तों को आने की अनुमति नहीं है, ताकि वे घरों में सुरक्षित रह कर इस संबंध में सरकारी दिशानिर्देशों का पालन कर सकें।”

 

 

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