कुशवाहा-शरद की मुलाकात, क्या है सियासी कहानी ?

नई दिल्ली। बिहार के सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आज लोकतंत्रवादी जनता दल के नेता शरद यादव से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात को बिहार में नए समीरकण के उभार के रूप में देखा जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा और शरद यादव की इस मुलाकात से जेडीयू और आरएलएसपी के बीच सियासी घमासान अब खुलकर सामने आ गई है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “नीतीश कुमार जी विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे उपेंद्र कुशवाहा और उसकी पार्टी को नष्ट करने पर उतर आए हैं, लेकिन वह मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। वह भी एनडीए का हिस्सा हैं, और हम भी, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।” इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं।

रालोसपा नेता और केंद्र सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार 12 नवंबर दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि कुशवाहा की यह मुलाकात भाजपा को यह संकेत देना है कि अगर सीट के मसले पर बात नहीं बनी, तो रालोसपा अगला कदम उठाएगी और बिहार में महागठबंधन से जुड़ जाएगी। शरद यादव से मुलाकात कर कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप भी लगाए हैं। जिस तरह की भाषा अब कुशवाहा बोल रहे हैं, उससे साफ लगता है कि अब शायद ही वे एनडीए के साथ और खासकर नीतीश के साथ मिलकर राजनीति कर पाएंगे। इधर मिल रही जानकारी के मुताबिक शरद यादव से मिलने के बाद कुशवाहा पूरी तरह से एनडीए छोड़ने का मन बना चुके हैं।

हाल ही में सीएम नीतीश कुमार द्वारा बिना नाम लिए कुशवाहा को नीच बताने और पटना में आरएलएसपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के तेवर गरम हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर उन्हें ‘नीच’ कहने का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा था कि वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी नीतीश कुमार से अपना ‘आपत्तिजनक बयान’ वापस लेने की बात कहेंगे।

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