Vitamin D Supplement के हाई डोज से कोविड-19 से लड़ने में मिल सकती है मदद : डॉ. आशु रस्‍तोगी

नई दिल्ली। कई सारे अध्‍ययनों में विटामिन डी के स्‍तर और कोविड-19 की गंभीरता तथा मौत के बीच काफी ज्‍यादा संबंध पाया गया है। इन अध्‍ययनों से पता चलता है कि कोविड-19 के मरीजों में विटामिन डी का स्‍तर काफी कम होता है। इसके साथ ही विटामिन डी की पर्याप्‍त मात्रा वाले मरीजों की तुलना में विटामिन डी के स्‍तर की बेहद कमी वाले मरीजों की संख्‍या ज्‍यादा पायी गयी। साथ ही साथ विटामिन डी की कमी वाले उम्रदराज़ वयस्‍कों में उन लोगों की तुलना में कोविड-19 का भयावह परिणाम देखा गया जिनमें विटामिन डी की कमी नहीं थी।

 

 

विटामिन डी वसा में घुलनशील एक विटामिन है जोकि शरीर में कई सारी महत्‍वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है। यह पोषक तत्‍व खासतौर से इम्‍यून सिस्‍टम के लिये बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। चूंकि, यह वसा में घुलनशील ग्रुप का कम्‍पाउंड है, आंतों में कैल्शियम, मैग्‍नीशियम और फॉस्‍फेट के अवशोषण का कारक होता है और साथ ही कई सारे दूसरे जैविक प्रभाव का भी; विटामिन डी की निम्‍न मात्रा कई सारी क्रॉनिक समस्‍याओं को बढ़ा देती है। कमजोर इम्‍युन सिस्‍टम का मतलब है शरीर की संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता का कम होना।

ऐसा देखने में आया है कि जिन लोगों को विटामिन डी का सप्‍लीमेंट दिया जाता है उनमें श्‍वसन प्रणाली से जुड़े संक्रमण कम देखने को मिलते हैं।‘’ यह कहना है डॉ. आशु रस्‍तोगी, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी, पीजीआई चंडीगढ़, का।बीएमजे द्वारा प्रकाशित शेड स्‍टडी तथा डॉ रस्‍तोगी व उनकी टीम के नेतृत्‍व में कराये गये अध्‍ययन के अनुसार, विटामिन-डी की मात्रा से उन लोगों में सार्स-कोवि-2 का इंफेक्‍शन सार्स-कोवि-2 आरएनए नेगेटिग हो जाता है। साथ ही कॉलकैसिफेरॉल सप्‍लीमेंट के हाई डोज से फाइब्रिनोजेन में काफी कमी आ जाती है।

 भारत एक उपोष्‍णकटिबंधीय देश है, जहां पर्याप्‍त सूर्य की रोशनी मिलती है, वहां विटामिन डी की कमी बड़े पैमाने पर देखी जाती है। सार्स-कोवि-2 में सरफेस पर सूर्य की रोशनी तेजी से निष्क्रिय हो जाती है, इससे यह पता चलता है कि इसका पर्यावरण संबंधी लाभ है। सूर्य की रोशनी में कितना वक्‍त बिताते हैं विटामिन डी का संबंध उससे है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि लोग विटामिन डी के महत्‍व को समझें, ताकि वे बीमारी से लड़ने के लिये उचित दवा ले सकें। इस बीमारी से बचाव के लिये आजकल बाजार में कई सारे ब्रांड्स के विटामिन डी उपलब्‍ध हैं जैसे डी3 मस्‍ट, कैल्‍डीकाइंड, कलशाइन।

 

 

 

कोविड-19 से लड़ने में विटामिन डी3 के महत्‍व के बारे में बताते हुए, डॉ. आशु रस्‍तोगी एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी, पीजीआई चंडीगढ़ ने कहा, ‘’हाल में ऐसा देखा गया कि विटामिन डी की कमी का संबंध कोविड-19 से है और कोविड-19 के मरीजों में गंभीर परिणाम देखे जाते हैं। एक भावी इंटरवेंशनल अध्‍ययन में यह बात सामने आयी है कि कैलिफेडियॉल का हाई डोज देने से कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को आईसीयू में रहने की आशंका कम हो जाती है। क्‍योंकि ऐसा देखा गया है कि विटामिन डी की कमी से श्‍वसन प्रणाली से संबंधित गंभीर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में कोविड-19 के उपचार और बचाव के लिये विटामिन डी सप्‍लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। खासकर श्‍वसन प्रणाली से जुड़ी गंभीर बीमारियों में इसे लेने की सलाह दी जाती है।

 

 

 

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