हो ही गया येदियुरप्पा का इस्तीफा, भाजपा लेगी माइलेज

नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा का दो दिन पूर्व शपथ ग्रहण लेना और आज इस्तीफा देना केवल एक राज्य की घटना नहीं है। इसी गूंज पूरे देश में जाएगी। इसकी चर्चा कर्नाटक विधानसभा के साथ देश के संसद में होगी। लोकसभा चुनाव 2019 में होगी। भाजपा इसका पूरा लाभ लेगी। वहीं, कांग्रेस के लिए अब कनार्टक गले की फांस बनने वाली है। फौरी तौर पर कांग्रेस बेशक कुमारस्वामी के साथ गलबहियां कर लें, राज्य में सरकार बना लें, लेकिन सियासत की दुश्वारियां उसके लिए कम नहीं होने वाली है।येदियुरप्पा ने एक भावुक भाषण देने के बाद विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। अपने भाषण में येदियुरप्पा ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया शायद पहली बार किसी पीएम ने सीएम कैंडिडेट तय किया। आपको बता दें कि 15 मई को काउंटिंग और रिजल्ट के बाद से ही कर्नाटक की सियासी तपिश ने देश का माहौ गरमा दिया था। येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल अलायंस के लिए रास्ता साफ हो गया है। जेडीएस के कुमारस्वामी कर्नाटक के अगले सीएम बनने की राह पर बढ़ चुके हैं। आपको बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों (2 सीटों पर बाद में चुनाव) पर चुनाव हुए थे। इसमें भी जेडीएस नेता कुमारस्वामी 2 सीटों पर जीते थे। इस हिसाब से बहुमत 221 सीटों के लिहाज से 111 विधायकों के समर्थन पर आता। बीजेपी के पास 104 विधायक थे जबकि पोस्ट पोल अलायंस का दावा कर रही कांग्रेस-जेडीएस अन्य विधायकों को मिलाकर 118 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही थी।
आपको बता दें कि कर्नाटक का यह हाई प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। राज्यपाल ने जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था कांग्रेस-जेडीएस शपथ ग्रहण रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन बहुमत साबित करने के लिए 14 दिनों की मोहलत को घटाकर एक दिन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज शनिवार 4 बजे तक बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों (2 सीटों पर बाद में चुनाव) पर चुनाव हुए थे। इसमें भी जेडीएस नेता कुमारस्वामी 2 सीटों पर जीते थे। इस हिसाब से बहुमत 221 सीटों के लिहाज से 111 विधायकों के समर्थन पर आता। बीजेपी के पास 104 विधायक थे जबकि पोस्ट पोल अलायंस का दावा कर रही कांग्रेस-जेडीएस अन्य विधायकों को मिलाकर 118 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही थी।
आपको बता दें कि कर्नाटक का यह हाई प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। राज्यपाल ने जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था कांग्रेस-जेडीएस शपथ ग्रहण रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन बहुमत साबित करने के लिए 14 दिनों की मोहलत को घटाकर एक दिन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज शनिवार 4 बजे तक बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों (2 सीटों पर बाद में चुनाव) पर चुनाव हुए थे। इसमें भी जेडीएस नेता कुमारस्वामी 2 सीटों पर जीते थे। इस हिसाब से बहुमत 221 सीटों के लिहाज से 111 विधायकों के समर्थन पर आता। बीजेपी के पास 104 विधायक थे जबकि पोस्ट पोल अलायंस का दावा कर रही कांग्रेस-जेडीएस अन्य विधायकों को मिलाकर 118 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही थी।
आपको बता दें कि कर्नाटक का यह हाई प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। राज्यपाल ने जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था कांग्रेस-जेडीएस शपथ ग्रहण रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन बहुमत साबित करने के लिए 14 दिनों की मोहलत को घटाकर एक दिन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज शनिवार 4 बजे तक बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.