नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बीते दिनों मनोवैज्ञानिक और मनोरोग कल्याण का सेंटर हैप्पीनेस स्टुडियो की ओर से लोगों की भलाई के महत्व के लिए आत्म-प्रेम (सेल्फ-लव) पर विशेष सत्र का आयाजन किया गया। इन सत्रों का आयोजन डाॅ. भावना बर्मी और उनकी काउंसलर्स की टीम के मार्गदर्शन में किया गया।
डाॅ.भावना बर्नी ने बताया, ‘‘कार्यशाला का मकसद लोगों को ‘स्वयं’ की धारणा के मुद्दों को समझने में मदद करना और ऐसा जीवन जीना षुरू करना था जो दूसरों का प्रतिबिंब न हो बल्कि हमारी सच्ची आत्मा का प्रतिबिंब हो। सत्र में 4 इंटरेक्टिव सेगमेंट्स थे: डिस्कवर माइसेल्फ – खुद को जानना क्योंकि वह इस यात्रा में पहला कदम हैय अपने आप को देखें (सी माइसेल्फ) – अपने अंदर झांकें, आपको सच्ची तस्वीर दिखेगी और स्वीकार करें कि वह काफी अच्छा हैय खुद को व्यक्त करें (एक्सप्र्रेस माइसेल्फ) – अपने डर, असुरक्षा, जो चीजें आपके दिल की धड़कनों को बढ़ाती हैं और ऐसी अन्य चीजों को मन से बाहर निकाल देंय खुद से प्यार करें (लव माइसेल्फ) – अपने भविश्य को आत्मनिर्भर बनाना, अपने लिए सर्वश्रेश्ठ उम्मीद करना और हर खुषी के लिए खुद को सराहें।’’
हैप्पीनेस स्टुडियो में आयोजित सत्र में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और दुनिया भर के क्लाइंट्स के लिए स्काइप सत्र का भी आयोजन किया गया। सत्र को सभी प्रतिभागियों के सेल्फ-लव के सफर का स्वागत करने, अपने स्वयं के कल्याण और समग्र खुशी का मूल्यांकन करने के लिए तैयार किया गया था।
डाॅ. भावना बर्नी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त क्लीनिकल एंड चाइल्ड साइकोलाॅजिस्ट एवं रिलेशनशिप थेरेपिस्ट