धूमधाम से मनाया गया श्री शनि अमावस्या का पावन पर्व

नई दिल्ली। शनि अमावस्या महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर परमहंस दाती जी महाराज के सानिध्य में भगवान श्री शनिदेव की महारती की गयी महारती में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, प्रकाश जी भाई (आरआरएस), गजेन्द्र चौहान (युधिष्टर), केवल मांडोत समाजसेवी, प्रकाश जैन इरोड समाजसेवी, बीके सिंह यादव आदि उपस्तिथि मनाया गया 17 नवंबर की मध्यरात्रि परमहंस दाती महाराज ने सर्वप्रथम संपूर्ण राष्ट्र एवं मानव जाति के कल्याण, कालसर्प योग, श्री शनिदेव की ढैय्या, महादशा तथा साढ़ेसाती सहित शनि संबंधि समस्त बाधाओं से मुक्ति हेतु विशेष अनुष्ठान किया। उन्होंने श्री शनिदेव की पूजा, महाआरती, महादेव का रुद्राभिषेक, श्री शनिदेव का पंचामृत अभिषेक तथा तैलाभिषेक किया। श्री शनिदेव की उपासना के उपरांत लाखों की संख्या में आए शनिभक्तों ने भी पूजन और तेलाभिषेक कर देवाधिदेव की असीम अनुकंपा प्राप्त की। शनि अमावस्या पर श्री शनिधाम में श्री शनिदेव की विशिष्ट पूजा का शुभारंभ 17 नवंबर की मध्यरात्रि ठीक बारह बजे हुआ। श्री शनिचरणानुरागी श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती महाराज ने सर्वप्रथम श्री शनिदेव की महाआरती की। इस शुभ एवं पावन अवसर पर श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम का दृष्य दिव्य, भव्य, मनमोहक, आकर्षक एवं आलौकिक होता है। आरती का यह आलौकिक दृश्य देखते ही बन बनता है। चारों ओर प्रज्जवलित अग्नि, सद्गुरु के हाथों में धुपेड़ा, शनिभक्तों के हाथों में आरती की थाल और मुख से शनिमंत्रों का होता उच्चारण बरबस ही सबका मन मोह लेता है। संपूर्ण शरीर पर भस्म लपेटे सद्गुरु परमहंस दाती महाराज, उनके हाथों में विराजित धूपेड़ा और उसमें प्रज्जवलित अग्निदेव। बड़ी संख्या में श्री शनिदेव के मंत्रों का जाप करते नागा साधु तथा दाती महाराज के मुख पर चमकता तेज बरबस ही श्री शनिधाम के पावन प्रांगण में पधारे संतों, भक्तों तथा श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। देश भर से पहुंचे भक्त दाती महाराज के इस आकर्षक रूप तथा उनके अपने आराध्य के प्रति प्रकट हो रहे प्रेम तथा स्नेह भाव की एक झलक पाने को आतुर होते हैं। सत्य तो यही है कि जो व्यक्ति, जो भक्त, जो श्रद्धालु सद्गुरु के शरण में आता है, श्री शनिदेव की कृपा तथा सद्गुरु के आशीर्वाद से उसके सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। उसके जीवन में सुख एवं शांति का संचार होता है। सद्गुरु की कृपा से उस व्यक्ति का जीवन सफल एवं साकार हो जाता हैं। वैसे भी श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम में पधारने वाले व्यक्ति की संपूर्ण मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं। क्योंकि देश के अन्य धार्मिक स्थलों की तरह यहां ना तो कोई पंडित है और ना ही कोई पुजारी। यहां आने वाला भक्त स्वयं ही पंड़ित है। स्वयं ही पुजारी है। अतः पूजा का संपूर्ण फल, श्री शनिदेव की कृपा तथा सदगुरु का आशीर्वाद सीधा उसी को प्राप्त होता है। इस अवसर पर पुरे देश भर से शनि भक्त पहुचे श्री शनिधाम असोला दिल्ली संत मंडल के श्रीमहंत नारायण गिरी जी, महामंडलेश्वर शिवप्रेमानंद जी , महामंडलेश्वर विद्यागिरिजी, महामंडलेश्वर कंचन गिरी जी, श्री मंहत भोला गिरी जी , श्री महंत अगस्त गिरी जी , अटल अखाड़े के सचिव श्री महंत बलराम भारती, चेन्नई से केसर सिंह, रामलाल सुथार, केवल चंद मांडोत, इरोड से प्रकाश जैन,मुंबई से गजेन्द्र चौहान, देश भर से श्रद्धालु का ताता लगा रहा कार्यक्रम माँ श्रधा, माँ दया, बीके सिंह यादव, अशोक भोलेचा, संजीव जैन, रंजित मलिक, उमेश बसोया, नरेश गाँधी ,प्रशांत, सुभोध, सचिन जैन , अभिषेक अग्रवाल आदि का सहयोग रहा ।

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