नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आम लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है। आर्थिक गतिविधियों को गति देने और बाजार में तरलता बढ़ाने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। RBI ने मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल रखा है, जो आने वाले समय में संतुलित और स्थिर नीतिगत रुख का संकेत देता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्याज दरों में कमी से लोन की लागत कम होगी, जिसके चलते खासकर किफायती और मिड-इनकम सेगमेंट में घर खरीदने वालों का उत्साह बढ़ सकता है। रियल एस्टेट सेक्टर को भी इससे नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।
रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ा उत्साह
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती मौजूदा आर्थिक माहौल में बेहद सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी और पहले हुई 100 बेसिस पॉइंट की कटौती के साथ बजट में आयकर राहत और जीएसटी सरलीकरण ने हाउसिंग मार्केट को पहले ही मजबूती दी है।
उन्होंने कहा, “इस निर्णय से मांग और निवेश दोनों बढ़ेंगे और घर खरीदना और भी किफायती होगा।”
पहली बार घर खरीदने वालों के लिए बड़ा मौका
साया ग्रुप के प्रबंध निदेशक विकास भसीन के अनुसार यह कटौती “सही समय पर मिली बड़ी राहत” है।
उन्होंने कहा कि ईएमआई घटने से उपभोक्ताओं की नकदी स्थिति बेहतर होगी और मिड-इनकम तथा पहली बार घर खरीदने वालों में मांग बढ़ेगी।
लग्ज़री हाउसिंग में भी बढ़ेगी मांग
कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉर्पोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा कि भारत में निम्न मुद्रास्फीति और स्थिर विकास दर को देखते हुए यह कटौती बिल्कुल उपयुक्त है।
उन्होंने बताया कि लग्ज़री सेगमेंट में पहले से बढ़ रही मांग को और गति मिलेगी, क्योंकि कम ब्याज दरें ग्राहकों को बेहतर सुविधाओं वाले प्रीमियम घर चुनने के लिए प्रेरित करेंगी।
किफायती और मिड-सेगमेंट पर सबसे बड़ा असर
जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर जश पंचमिया ने कहा कि यह कटौती बिलकुल सही समय पर की गई है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि कम होम लोन दरें सतर्क खरीदारों को घर खरीदने का निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
उन्होंने कहा, “इससे लंबी अवधि में बाजार की गतिविधियां और निवेशकों का भरोसा दोनों मजबूत होंगे।”
होम लोन दरें 7% तक पहुंचने की उम्मीद
ऐशटेक ग्रुप के निदेशक सुमित अग्रवाल ने बताया कि ब्याज दरें घटने से EMI का बोझ काफी कम होगा।
उन्होंने कहा कि जहां पिछले साल होम लोन की दरें 9% से ऊपर थीं, वहीं अब वे 7.5% से नीचे हैं।
उनके अनुसार, इस कटौती के बाद दरें 7% से 7.25% तक आ सकती हैं, जो खरीदारों के लिए बेहद आकर्षक स्तर है।
कुल मिलाकर क्या बदलेगा?
EMI घटेगी, लोन की लागत कम होगी
घर खरीदना होगा आसान, खासकर पहली बार खरीदारों के लिए
रियल एस्टेट मार्केट में मांग बढ़ने की संभावना
किफायती और मिड-इनकम सेगमेंट में नयी ऊर्जा
लग्ज़री हाउसिंग सेगमेंट की बिक्री को भी बल
RBI का यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

