महात्मा गांधी के नाम रहा 70वां गणतंत्र दिवस का जश्न

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य सैन्य परेड और अपने इतिहास, सांस्कृतिक विविधता और रणनीतिक हथियारों की प्रदर्शनी के साथ भारत ने 70वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा 90 मिनट तक चले इस जश्न के साक्षी बने। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को 1950 में गणतंत्र घोषित किया गया था।

परेड में इस साल कुल 22 झांकियां नजर आईं। इनमें से 16 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की और छह केन्द्र के सरकारी मंत्रालयों और विभागों की झांकियां थीं। सिक्किम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गोवा, अण्डमान-निकोबार द्वीपसमूह और उत्तराखंड की झांकियां भी जश्न में शामिल हुईं।

इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी थी और कई राज्यों की झांकियां राष्ट्रपिता पर केन्द्रित रहीं। इस जश्न में रामफोसा की मौजूदगी इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 21 साल बिताए थे और यहीं से उन्हें शांति की राह पर आगे बढ़ने की प्ररेणा मिली थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस के मौके पर रंग-बिरंगा साफा पहनने के अपने अंदाज को बरकरार रखते हुए शनिवार को केसरिया रंग के खूबसूरत साफे में नजर आए। पारंपरिक कुर्ता पायजामा एवं नेहरू जैकेट पहने मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए जाने से पहले अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। परम्परा के तहत ध्वजारोहण के दौरान बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और 21 तोपों की सलामी दी गई और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पैदल टुकड़ी की सलामी ली।

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