फिट इंडिया कॉन्क्लेव का उदघाटन

नई दिल्ली।  तीसरे फिट इंडिया कॉन्क्लेव 2020 के मौके पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मेडस्केप इंडिया द्वारा आयोजित तीसरे फिट इंडिया कॉन्क्लेव का वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। इस कॉन्क्लेव की आयोजिका व मेडस्केप इंडिया की संस्थापक डॉ सुनीता दुबे, पद्मश्री डॉ शशांक जोशी जी, पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली जी, पहलवान संग्राम सिंह व संगीतकार जोड़ी मीट ब्रोस भी मौजूद रहे। मेडस्केप इंडिया की पहल की कई दिग्गजों ने सराहना की है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी, पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे कलाम जी, दलाई लामा जी , श्री अमिताभ बच्चन जी, नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी जी व और कई सम्मानित गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।

 

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने  सम्बोधन में कहा कि मेडस्केप इंडिया गैर-लाभकारी संस्था होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवा पर लगातार काम करते हुए महिला सशक्तीकरण, सेव द चाइल्ड गर्ल, एचआईवी अवेयरनेस, मिलियन स्माइल वुमन एम्पॉवरमेंट प्रोग्राम, फिट इंडिया मूवमेंट, रूरल हैल्थ, असम व महाराष्ट्र में बाढ़ राहत और चिकित्सा सहायता, लाखों मुस्कान महिला सशक्तीकरण अभियान, 1 मिलियन मास्क वितरण आदि पर पिछले 16 वर्षों से काम करते हुए देश को जागरूक कर रही है।

 

डॉ. सुनीता दुबे द्वारा शुरू किया गया “वी डॉक्टर्स” अभियान कोरोना योद्धा व चिकित्सा समुदाय की सहायता करने के साथ साथ रोगी परामर्श, कोरेंटाइन प्रक्रिया, उपचार, स्वच्छता और बीमारियों से संबंधित प्रश्न, लैब टेस्ट, सरकार द्वारा आवंटित अस्पताल, कोविड 19 से संबंधित प्रश्नों, मरीजों की घबराहट निपटाने के परिणामस्वरूप इस अभियान को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हमारे देश के 5,900+ डॉक्टर देश भर में  मेडस्केप इंडिया से जुड़े हुए हैं और पिछले 3 महीनों से बड़ी संख्या में लोगों को आवश्यक जागरूकता और सहायता प्रदान कर रहे हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा ये कठिन समय न सिर्फ़ देश के लिए बल्कि डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी परीक्षा की घड़ी है। आज अगर भारत कोरोना के खिलाफ़ मज़बूती से खड़ा है तो उसके पीछे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कुशल मार्गदर्शन है। एक नए वायरस के खिलाफ़ लड़ाई आसान नहीं थी, लेकिन हमने पूरी तैयारी से इसका सामना किया और यहाँ तक कि डब्ल्यूएचओ भी भारत के प्रयासों की सराहना कर चुका है। भारत कोविड 19 आपदा को अवसर में बदलने से पीछे नहीं रहा है। जब यह महामारी सामने आई थी तो भारत में पीपीई किट की कमी थी, लेकिन आज देश में 100 से अधिक कंपनियां पीपीई किट बना रहीं हैं और आज हम इन्हें विदेशों को निर्यात करने की स्थिति में हैं।

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