KTS 4.0 : मंदिरों के फूलों का पुनर्चक्रण कर 16 राज्यों तक पहुँचा रही है ‘सनातन सुगंध’

 

वाराणसी : काशी तमिल संगमम् 4.0 के दौरान नमो घाट पर लगे स्टॉल संख्या 39 ने आगंतुकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया, जहाँ मुगलसराय स्थित काशी-आधारित स्टार्टअप नितेंद्र फ्लावरसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड (आराध्या कृपा एवं पेटल्स) ने अपने अभिनव और आध्यात्मिक रूप से प्रेरित कार्यों का अनूठा प्रदर्शन किया। फरवरी 2024 में शुरू हुई यह पहल काशी की आध्यात्मिक परंपरा, पर्यावरण संरक्षण और आधुनिक व्यवसाय मॉडल को एक साथ जोड़कर एक प्रामाणिक और प्रभावी उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

‘आराध्या कृपा’ प्राचीन भारतीय ज्ञान पर आधारित है, जिसकी प्रेरणा वराहमिहिर की बृहत्संहिता के गन्धयुक्त अध्याय और अगस्त्य मुनि के 14 घटक तत्वों से ली गई है। स्टार्टअप मंदिरों और घाटों पर प्रतिदिन निकलने वाले पवित्र फूलों और नारियल का संग्रह कर उनका पुनर्चक्रण करके पूर्णतः प्राकृतिक धूप और सुगंधित उत्पाद तैयार करता है। यह न केवल गंगा घाटों पर अपशिष्ट को कम करता है बल्कि स्थानीय समुदाय में रोजगार भी सृजित कर रहा है। कंपनी के सभी उत्पाद आईएफआरए ग्रेड की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं, जो इन्हें प्रीमियम श्रेणी में स्थापित करते हैं।

इस स्टार्टअप की विशेषता यह है कि इसमें विभिन्न क्षेत्रों—एमबीए पेशेवरों, कानून विशेषज्ञों, रेलवे अधिकारियों और अन्य उद्योगों से जुड़े अनुभवी लोगों—का संगम दिखाई देता है। कंपनी के निदेशक एवं सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी श्री आर.एन. त्रिवेदी ने बताया कि सनातन संस्कृति के प्रति साझा समर्पण ने इस विविध टीम को एक मंच पर एकजुट किया है। स्टॉल पर आए एक ग्राहक ने कंपनी की धूपबत्ती की सुगंध की प्रशंसा करते हुए कहा कि “आराध्या कृपा की धूपबत्ती की खुशबू मन को पूर्णतः शांत कर देती है, मैं इसका स्थायी ग्राहक बनूंगा।”

आराध्या कृपा वर्तमान में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल पर कार्य करते हुए अपने उत्पादों को देश के 16 राज्यों तक पहुँचा रही है और प्रतिदिन 500 से अधिक पैकेट बेच रही है। इसके सभी उत्पाद ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। श्री त्रिवेदी ने काशी तमिल संगमम् में स्टॉल लगाने का अवसर देने और मंच उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया।

स्टार्टअप द्वारा काशी की पारंपरिक धूप-निर्माण कला को आधुनिक तकनीक और सौंदर्यबोध के साथ प्रस्तुत करते हुए प्रीमियम एवं पूर्णतः प्राकृतिक धूप श्रृंखला की घोषणा की गई, जिसमें चंदन, लोबान, गुग्गल, मोगरा, चमेली आदि प्राकृतिक सुगंधों का उपयोग किया गया है। इनके उत्पाद न केवल पूजा और ध्यान के लिए उपयुक्त हैं बल्कि घरेलू वातावरण को शुद्ध करने में भी सहायक हैं। इसके साथ ही यह पहल वाराणसी की महिला स्वयं-सहायता समूहों को प्रशिक्षण, रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर देकर सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन धूप उत्पादों का हस्तनिर्माण महिलाएँ अत्यंत निष्ठा और कौशल के साथ करती हैं।

समग्र रूप से, नितेंद्र फ्लावरसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड की यह पहल काशी की परंपरा, आध्यात्मिकता और नवाचार को पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक सशक्तिकरण के साथ जोड़ते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त बनाती है। आराध्या कृपा देशभर के उपभोक्ताओं तक प्रामाणिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुगंध पहुँचाकर राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक आदान–प्रदान की एक जीवंत मिसाल बनकर उभर रही है।

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