50% से अधिक भारतीय उपभोक्ता पसंद करते हैं स्वदेशी ब्रांड्स: Rukam Capital की रिपोर्ट ‘Aspirations of New India’

नई दिल्ली :  Rukam Capital की ताज़ा रिपोर्ट ‘Aspirations of New India’ दर्शाती है कि भारतीय उपभोक्ता अब स्वदेशी और छोटे व्यवसायों के ब्रांड्स की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। अध्ययन के अनुसार, 50% से अधिक लोग स्थानीय ब्रांड्स को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये आसानी से उपलब्ध हैं, उनकी कहानियाँ उपभोक्ताओं से जुड़ी होती हैं और इनमें वास्तविक मूल्य होता है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

स्थानीय ब्रांड्स की बढ़ती लोकप्रियता:

58% उपभोक्ता मुख्य रूप से स्थानीय या छोटे व्यवसायों के उत्पाद खरीदना पसंद करते हैं।

76% लोग रोज़मर्रा की समस्याओं के लिए नवीनतम समाधान और ईमानदार ब्रांड संवाद की सराहना करते हैं।

30% मानते हैं कि स्टार्टअप्स समुदाय बनाते हैं और अपनत्व की भावना बढ़ाते हैं।

स्वास्थ्य, वेलनेस और त्योहारों का प्रभाव:

मिलेनियल्स और जनरेशन Z इस त्योहार के मौसम में स्वास्थ्य और वेलनेस को प्राथमिकता दे रहे हैं।

शुगर-फ्री मिठाइयों की लोकप्रियता 73% युवा उपभोक्ताओं में बढ़ी है।

हेल्थ और वेलनेस कैटेगरी में 76% लोग इको-फ़्रेंडली ब्रांड्स चुन रहे हैं।

डिजिटल और भुगतान व्यवहार:

मोबाइल और इंटरनेट उपयोग बढ़ने से मीडिया की आदतें प्रभावित हो रही हैं।

73% उपभोक्ता सोशल मीडिया पर ब्रांड्स से जुड़ते हैं, और 67% सक्रिय और उत्तरदायी ब्रांड्स को पसंद करते हैं।

टियर 1 शहरों में UPI (36%) और क्रेडिट कार्ड (24%) का संतुलित उपयोग है, जबकि टियर 3 में UPI (42%) अधिक इस्तेमाल होता है।

UPI त्योहारों में प्रमुख भुगतान माध्यम के रूप में उभरा है।

सेलिब्रिटी और इन्फ्लुएंसर का प्रभाव:

पेट केयर में 50% उपभोक्ता ब्रांड खोजने के लिए सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर का सहारा लेते हैं।

किचन अप्लायंसेज़ में 43% और फैशन में 20% उपभोक्ता ऐसे प्रभाव से खरीदारी करते हैं।

खरीद पर प्रेरक और रोक:

48% उपभोक्ता ई-कॉमर्स साइट्स पर ऑफ़र देखते हैं, और 47% डिस्काउंट्स का इंतज़ार करते हैं।

32% के लिए अच्छी ग्राहक सेवा और 29% के लिए उत्पाद की गुणवत्ता प्रमुख कारण हैं।

उत्तर भारत में 35% उपभोक्ता केवल महिला संचालित व्यवसायों से खरीदारी करते हैं।

उभरते हुए खरीदारी सेगमेंट:

हेल्थ और वेलनेस, किचन अप्लायंसेज़, फूड और बेवरेज, फैशन एक्सेसरीज़ और पेट केयर तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं।

इन-गेम विज्ञापन और वर्चुअल ट्राय-ऑन जैसे नए डिजिटल माध्यम खरीद निर्णय को प्रभावित कर रहे हैं।

Rukam Capital की फ़ाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर अर्चना जहागीरदार ने कहा, “भारतीय उपभोक्ता अब सिर्फ़ ट्रेंड्स का पालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि खुद मार्केट को दिशा दे रहे हैं। लॉयल्टी बनाने के लिए केवल डिस्काउंट्स पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि रोज़मर्रा की खपत में वास्तविक मूल्य और जुड़ाव अहम है।”

यह सर्वे YouGov के साथ मिलकर 18 राज्यों के 5000+ लोगों पर किया गया, जिसमें शहरी और अर्ध-शहरी आबादी को शामिल किया गया ताकि भारत के बदलते उपभोक्ता परिदृश्य को समझा जा सके।

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