‘विकसित भारत, विकसित बिहार’ अभियान के तहत डॉ. बीरबल झा ने दरभंगा में युवाओं को किया प्रेरित

दरभंगा। प्रसिद्ध शिक्षाविद, लेखक और समाज सुधारक डॉ. बीरबल झा ने महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान, दरभंगा में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए युवाओं में जोश और संकल्प का संचार किया। यह कार्यक्रम उनके राज्यव्यापी अभियान ‘विकसित भारत, विकसित बिहार’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना है।

24 अप्रैल को मधुबनी में आयोजित कार्यक्रम की सफलता के बाद दरभंगा में डॉ. झा ने कहा, “विकसित भारत का रास्ता, जागरूक और सशक्त बिहार से होकर गुजरता है। परिवर्तन का इंतजार मत करो, स्वयं परिवर्तन बनो।”

उन्होंने विकास को सिर्फ आर्थिक सीमाओं में न बांधते हुए कहा, “एक विकसित भारत वह है जो आर्थिक रूप से मजबूत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत, सांस्कृतिक रूप से गर्वित, पर्यावरणीय रूप से संतुलित और तकनीकी रूप से उन्नत हो।”

डॉ. झा ने शिक्षा और संस्कृति को विकास की दो आधारशिलाएं बताया — “शिक्षा कुंजी है, संस्कृति जड़ है — बिहार को दोनों के साथ आगे बढ़ना होगा।”

ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक के रूप में डॉ. झा अब तक 4 लाख से अधिक युवाओं को भाषा और जीवन कौशल की ट्रेनिंग दे चुके हैं। उनके ‘इंग्लिश फॉर सोशल जस्टिस’ जैसे अभियानों और पारंपरिक ‘पाग’ के पुनरुत्थान ने समावेशी विकास की नई परिभाषा दी है।

इंटरएक्टिव सत्रों में उन्होंने करियर, नेतृत्व विकास और उद्यमिता पर छात्रों से संवाद किया और उन्हें आत्मविश्वास, साहस और रचनात्मकता के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित किया।

बिहार की 58% युवा आबादी को संबोधित करते हुए उनका संदेश स्पष्ट था — बिहार का उत्थान, भारत का उत्थान है। शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक भागीदारी से विकसित भारत की नींव यहीं से रखी जाएगी।

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