सेवा और सुशासन के 11 साल, पीएम मोदी की अगुवाई में भारत का बढ़ा है मान

डॉ धनंजय गिरि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 11 साल पूरे कर लिए हैं। इन वर्षों में ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के मंत्र के साथ भारत ने वैश्विक मंचों पर अपना मान-सम्मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत न सिर्फ तेज़ी से विकास की राह पर अग्रसर हुआ, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरा।

इन 11 वर्षों में सरकार ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के जीवन में ठोस बदलाव लाने के लिए कई ऐतिहासिक योजनाएं शुरू कीं। उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने करोड़ों नागरिकों को सीधा लाभ पहुंचाया। डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने भारत को तकनीकी और औद्योगिक रूप से सशक्त किया।

कोरोना संकट के दौरान जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत” का आह्वान किया, वह देश को नई दिशा देने वाला सिद्ध हुआ। आज भारत ड्रोन तकनीक, सेमीकंडक्टर, स्पेस टेक्नोलॉजी और स्वदेशी हथियारों के निर्माण में बड़ी छलांग लगा चुका है।

पीएम मोदी की विदेश नीति ने भी भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। G20 की अध्यक्षता ने भारत की वैश्विक भूमिका को और मजबूत किया। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हुई है। पड़ोसी देशों और विश्व शक्तियों के साथ संतुलित और सशक्त संबंध स्थापित हुए हैं।

सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता दी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, महिला सुरक्षा कानून, और हालिया महिला आरक्षण कानून जैसे कदम महिलाओं को मुख्यधारा में लाने में मील का पत्थर बने हैं।

इन 11 वर्षों में नरेंद्र मोदी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों के प्रतीक बन चुके हैं। जनता के बीच सीधा संवाद, योजनाओं का ज़मीन पर क्रियान्वयन, और भ्रष्टाचार पर सख्त रुख ने उन्हें एक जननायक की पहचान दी है। मैं देश की जनता को, प्रधानमंत्री मोदी को, गृह मंत्री अमित शाह को, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। यह 11वां वर्ष सुशासन और गरीब कल्याण के नाम से जाना जाएगा… आज कश्मीर में धारा 370 समाप्त हो गई है, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन गया है, गरीबों को प्रधानमंत्री आवास मिलना शुरू हो गए, गरीबों को मुफ्त में अनाज मिल रहा है, घर-घर में जल जीवन मिशन के माध्यम से शुद्ध पेय जल पहुंच रहा है… सड़कों की कनेक्टिविटी, एयर की कनेक्टिविटी, इंटरनेट की कनेक्टिविटी बढ़ रही है… लोगों का जीवन आसान हो रहा है… यह संकल्प से सिद्धि का वर्ष है… हर दृष्टि से संकल्प की सिद्धि हो रही है और विकसित भारत की परिकल्पना पूर्ण होने के मार्ग पर है। पीएम का सपना है कि भारत विश्वगुरु बने, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने और इसे हमें पूरा करना है तो हमें एक्सपोर्ट को बढ़ाना होगा। तभी हमारी कृषि, रोजगार, सर्विस सेक्टर ,औद्योगिक विभाग में ग्रोथ होगी।

सेवा और सुशासन के इन 11 वर्षों ने भारत को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाई है। अब देश 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण—ये तीनों शब्द अब केवल नारे नहीं, बल्कि बीते 11 वर्षों में भारत की प्रशासनिक संस्कृति के मूल स्तंभ बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जो यात्रा 2014 में प्रारंभ की थी, उसने अब 2025 तक आते-आते देश को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और वैश्विक मंच पर सम्मानित राष्ट्र में परिवर्तित कर दिया है।

कभी विकासशील की श्रेणी में गिना जाने वाला भारत, आज G20 जैसे वैश्विक मंच की अध्यक्षता करता है। अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध और रणनीतिक साझेदारियाँ नई ऊंचाइयों पर हैं। भारत की मजबूत कूटनीति और निर्णायक नेतृत्व ने दुनिया को यह स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत अब सिर्फ एक ‘बड़ा बाजार’ नहीं, बल्कि एक ‘वैश्विक नीति निर्धारक’ भी है।

अब देश एक नए युग की ओर अग्रसर है—विकसित भारत@2047। यह लक्ष्य केवल आर्थिक या बुनियादी ढांचे का विकास नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, डिजिटल सशक्तिकरण, पर्यावरणीय संतुलन, और समावेशी विकास का भी सपना है। सरकार की योजनाएं अब सिर्फ सरकारी फाइलों में नहीं, जमीनी हकीकत में बदल चुकी हैं।

हालाँकि यह भी सत्य है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्रों में अब भी बड़ी चुनौतियाँ मौजूद हैं। लेकिन इन 11 वर्षों ने जो जनभागीदारी और विश्वास का वातावरण बनाया है, वह आने वाले वर्षों में इन समस्याओं के समाधान की आधारशिला है।

सेवा और सुशासन के ये 11 वर्ष भारत की आत्मा से जुड़े हैं। यह कालखंड केवल योजनाओं और घोषणाओं का नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के पुनर्जागरण का प्रतीक है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की यह यात्रा अब अजेय प्रतीत होती है। आज आवश्यकता है इसी गति, निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ने की, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस काल को भारत के स्वर्णिम युग के रूप में याद करें।

(लेखक भाजपा से जुड़े हैं।)

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