हुक्का भी है हानिकारक

वर्ल्ड  नो तंबाकू दिवस पर विशेषनई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारत में इन दिनों हुक्का का चलन सामने आया है, यह गलत कदम युवा पीढ़ी की प्रजनन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल की सेहत के लिए हुक्‍का भी सिगरेट जितना ही नुकसानदेह है। काफी लोगों को लगता है कि इसमें लगे पानी के पाइप की वजह से यह जल्दी से जलने वाले तंबाकू से सुरक्षित है। हुक्का किशोरों और युवाओं में काफी लोकप्रिय है। बता दें कि हुक्का में इस्तेमाल होने वाला हशिश में भी वही हानिकारक चीजें होती हैं, जो सिगरेट के तंबाकू में होती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि हुक्का पीने वालों की धमनियां सख्त होने लगती हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।विशेषज्ञों का कहना है कि हुक्का में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू शीशा में भी वहीं कार्सिनोजेनिक होते हैं, तो सिगरेट के तंबाकू में होते हैं। यूसीएलए के शोधकर्ताओं ने कहा कि हुक्का पीने वालों में छोटी अवधि में दिल की बीमारी होने की उतनी ही आशंका होती है, जितनी धूम्रपान करने वालों को होती है। बीते कुछ दशकों से तंबाकू कंपनियों ने मानना शुरू किया है कि तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक होती है।


जेपी अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ श्वेता गोस्वामी का कहना है कि हुक्के में प्रयोग होने वाले तं बाकू या कृत्रिम साधनों द्वारा निर्मित रासायनिक पदार्थ पारंपरिक सिगरेट की तुलना में लोगों को और भी अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। कई मरीज मेरे पास आते हैं और पूछते हैं कि क्या स्वाद वाला हुक्का आम हुक्के की तुलना में सुरक्षित है, लेकिन यह सवाल अपने आप में ही बहुत गलत है क्योंकि यह उतना ही बुरा है जितना कि आप किसी भी रूप में तंबाकू चबाते हैं या धूम्रपान करते हैं। यहां तक कि हुक्के के आदी लोगों में बांझपन की चिकित्सीय सेवाओं तक कम से कम पहुंच होती है, वहीं दूसरी तरफ कम वजन के साथ पैदा होने वाले शिशुओं में से 20 से 30 प्रतिशत मामलों में मां या पिता के तम्बाकू का सेवन करने के मामले सामाने आए हैं। इसमें गर्भावस्था के दौरान भी तंबाकू का सेवन करना शामिल होता है, यह स्थिति बेहद खतरनाक है जो कि शिशु के विकास को भी प्रभावित करती है।

 

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