‘मन की बात’ का 99 वां संस्करण ब्रैल लिपि में भी उपलब्ध

नई दिल्ली। दिव्यांगजन भी अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात से जुड़ सकेंगे। मन के बात के सभी संस्करण को ब्रेल लिपि में भी में उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत देहरादून में स्थापित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द इम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसेबिलिटीस के केन्द्रीय बेल प्रेस में 99 वें संस्करण को ब्रेल में तैयार किया गया है। केन्द्रीय ब्रेल प्रेस के प्रभारी मोहम्मद आई अहमद ने बताया कि मन की बात कार्यक्रम के सभी संस्करणों को ब्रेल में उपलब्ध कराने के निर्देश मिले हैं। इसके तहत फिलहाल 99वें संस्करण को ब्रेल में उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि 99वें संस्करण को 20 पेज में तैयार किया गया है। इससे अब दृष्टिबाधित दिव्यांगजन को प्रधानमंत्री की मन की बात से जोड़ा जा सकेगा.उन्होंने बताया कि मन की बात कार्यक्रम के अलावा मतदाता सूची के कार्ड भी ब्रेल लिपि में बनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रेस का उद्देश्य ही दिव्यांगजन के सामाजिक, आर्थिक और मानसिक विकास की दिशा में काम करना है। इसके लिए यहां धर्म ग्रंथ, विभिन्न पाठ्यक्रमों की भी पुस्तकें व किसी लेखकों द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखी गई पुस्तकों को भी ब्रेल लिपि में अनुवाद कर देश के विभिन्न संस्थानों व दृष्टि बाधितों को उपलब्ध कराता है।

आज के इस आधुनिक युग को देखते हुए यह राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान भी कई आधुनिक व नये पाठ्रक्रमों को छात्रों के लिए ला रहा है। इन्ही में से एक पाठ्रक्रम है आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस एआई । इस साल से यहां दिव्यांगजनों के लिए एआई पाठक्रमों को शुरू करने की तैयारी पूरी हो चूकी है। अब यहां के छात्र आधुनिक तकनिक का इस्तेमाल कर आईटी क्षेत्र में भी अच्छा प्रर्दशन करेंगे। इन छात्रों के विकास के लिए यहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम एआई के विशिष्ट अनुप्रयोगों में विशेषज्ञ प्रणाली ए कंप्यूटिंग डिवाइसए वाक् पहचान सहित कई उपकरणों की व्यवस्था दिृष्टि वाधितों के कर ली गई है।

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