आनंद शर्मा ने बदले सुर

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर कल सवाल खड़े करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि मुखर्जी के नैतिक बल, विवेक और धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकतंत्र को बुलंद रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं रहा और नागपुर में संबोधन के बाद उनका कद पहले से और ऊंचा हो गया है। शर्मा ने ट्वीट किया, प्रणाम प्रणब दा। नागपुर से आप पहले से भी अधिक कद्दावर बनकर निकले हैं। आपके किरदार, नैतिक बल, विवेक और धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकतंत्र को बुलंद रखने के प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं था। उन्होंने कहा कि आपने आरएसएस को भारत के बहुलवाद की समृद्धि और विविधता के बारे में बताया। आशा करता हूं कि वे आपके संदेश को आत्मसात करेंगे।
मुखर्जी के कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में पहुंचने के बाद शर्मा ने कहा था कि संघ मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं ं और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है। राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशप्रेम के बारे में आरएसएस मुख्यालय में अपने विचार साझा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल कहा कि भारत की आत्मा बहुलतावाद एवं सहिष्णुता में बसती है। मुखर्जी ने कहा कि भारत में हम अपनी ताकत सहिष्णुता से प्राप्त करते हैं और बहुलवाद का सम्मान करते हैं। हम अपनी विविधता का उत्सव मनाते हैं।

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