अहमदाबाद (गुजरात)। भारत के सबसे बड़े निजी हवाईअड्डा ऑपरेटर अदाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने अपनी अगली विकास योजना को गति देने के लिए 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वैश्विक फंडिंग हासिल की है। यह राशि एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग्स (ECB) के जरिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों के एक समूह से जुटाई गई है।
इस लेनदेन का नेतृत्व फर्स्ट अबू धाबी बैंक, बार्कलेज पीएलसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने किया।
यह फंडिंग मौजूदा कर्ज को पुनःवित्तपोषित करने, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और छह प्रमुख हवाईअड्डों – अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम – में क्षमता विस्तार के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इसके साथ ही यह राशि गैर-एयरोनॉटिकल व्यवसायों जैसे रिटेल, फूड एंड बेवरेज (F&B), ड्यूटी फ्री और अन्य सेवाओं को बढ़ाने में भी उपयोग होगी।
वित्त वर्ष 2024-25 में AAHL ने कुल 94 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान की, जबकि उसकी कुल क्षमता 110 मिलियन यात्रियों की रही। कंपनी का लक्ष्य है कि 2040 तक इस क्षमता को बढ़ाकर 300 मिलियन यात्रियों प्रति वर्ष किया जाए।
इस रोडमैप का एक अहम हिस्सा है नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो जल्द ही संचालन में आएगा। इसके पहले चरण में 20 मिलियन यात्रियों को सेवा देने की योजना है और आगे चलकर यह क्षमता 90 मिलियन तक पहुंचाई जाएगी, जिससे मुंबई क्षेत्र की एविएशन अवसंरचना को बड़ा बल मिलेगा।
AAHL के CEO अरुण बंसल ने कहा,
“दुनिया की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं द्वारा हम पर जताया गया विश्वास भारत के एविएशन सेक्टर की दीर्घकालिक क्षमता और मूल्य का प्रमाण है। हम प्रौद्योगिकी के उपयोग से उत्कृष्ट ग्राहक अनुभव देने, संचालन को सहज बनाने, और स्थिरता व समुदाय-हित को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने आगे कहा,
“AAHL ‘गेटवे टू गुडनेस’ की अपनी सोच पर कायम रहते हुए विश्वस्तरीय हवाईअड्डा अवसंरचना तैयार कर रहा है, जो सेवा और स्थिरता में वैश्विक मानकों को स्थापित करेगा।”
इस लेनदेन के लिए Latham and Watkins LLP और Linklaters LLP ने अंग्रेज़ी कानून सलाहकार की भूमिका निभाई, जबकि भारतीय कानून सलाहकार के रूप में सिरिल अमरचंद मंगलदास और टीटी एंड ए ने अपनी सेवाएं दीं।