दिलवालों की दिल्ली में अलादीन और यास्मीन

नई दिल्ली। सोनी सब के ‘अलादीन रू नाम तो सुना होगा’ के प्रमुख कलाकार सिद्धार्थ निगम (अलादीन) और अवनीत कौर (यास्मीन) मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे। दिल्ली आने का इनका खास मकसद था और वह मकसद था बहुत ही कम समय में तेजी से लोकप्रिय हुए अपने इस शो का प्रमोशन करना। इसके साथ ही अपने यादगार खान-पान, अनोखे दर्शनीय स्थलों और युगों को परिभाषित करती वास्तुकला के लिए मशहूर मुगलों के इस शहर में इस शो और इसके किरदारों के कई सारे फैंस भी हैं।
‘अलादीन रू नाम तो सुना होगा’ अलादीन की एक पारंपरिक कहानी पर आधारित है, जिसमें कंटेम्पररी ट्विस्ट है। सारे कलाकार अपने किरदारों में डूबे नजर आ रहे हैं। ड्रामा, फेंटेसी और भव्यता से भरपूर ‘अलादीन रू नाम तो सुना होगा’ एक ऐसा शो है, जो निश्चित रूप से सोनी सब के खुशियां देने के वादे को पूरा कर रहा है। इस शो में प्रमुख किरदार जैसे दुष्ट वजीर (आमिर दल्वी), स्वार्थी चाचा (बदरूल इस्लाम) और चाची (गुलफाम खान), यास्मीन के माता-पिता सुल्तान शहनवाज (ज्ञान प्रकाश) और सुल्ताना (याशू धीमन) और जिनी (राशूल टंडन) को भी दिखाया गया है। बता दें कि इस शो का प्रसारण सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे सोनी सब पर हो रहा है।
हाल ही में लोगों ने देखा कि अलादीन ने वह जादुई चिराग जफर को देने का फैसला किया और वापस लौटने के दौरान ‘काला चोर’ के रूप में उसकी मुलाकात यास्मीन से होती है। जब वह जफर तक पहुंचता है, तो उसे लगता है कि यास्मीन से मिलने के दौरान उसके थैले में रखा चिराग उससे बदल गया है। क्या जाफर को अलादीन पर भरोसा होगा? क्या अलादीन, जफर के गुस्से से बच पाएगा?
उपरोक्त सारे सवालों का जवाब तो शो के आगे आने वाले एपीसोड में ही मिलेंगे, लेकिन यहां मुख्य मकसद अलादीन और यास्मीन के दिल्ली आगमन के मकसदों को लेकर है। दिल्ली आने के बारे में अलादीन की भूमिका निभा रहे सिद्धार्थ निगम ने कहा, ‘मेरा जन्म और परवरिश यूपी में हुई। इस राज्य से आने वाला हर शख्स दिल्ली जरूर आता है। हम अपने स्कूल की छुट्टियों में इस शहर में आया करते थे और कलाकार के तौर पर दोबारा आने पर खास होने का अहसास हो रहा है। अपने फैन्स से मिलने का अब और इंतजार नहीं कर सकता और थोड़ा समय निकालकर ‘परांठे वाली गली’ जाने का इंतजार है।’
वहीं, इस शो में यास्मीन का किरदार निभा रहीं अवनीत कौर का कहना है, ‘अपने शोज के लिए कभी दिल्ली आना नहीं हुआ। मुझे यह मौका देने के लिए मैं सोनी सब और ‘अलादीन’ की शुक्रगुजार हूं। यहां मेरे काफी सारे फैंस हैं और इससे हमारा यहां आना और भी रोचक हो जायेगा। यदि हमें अपने कार्यक्रम में से समय मिला, तो मैं छोले कुल्चे और मोमोज खाऊंगी। साथ ही इंडिया गेट भी घूमने जाऊंगी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published.