अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने बच्चों में भूख और कुपोषण को खत्म करने के लिए एक मल्टीमीडिया अभियान शुरू किया

नई दिल्ली।  वेदांता लिमिटेड की सामुदायिक और सामाजिक पहल के लिए एक प्रमुख इकाई, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) ने भूख और कुपोषण के गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए एक अभियान शुरू किया है। वेदांता लिमिटेड के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल के एक व्यक्तिगत पत्र से इसकी शुरुआत की है, जिसे आज प्रिंट मीडिया में जारी किया गया है। साथ ही मल्टी-मीडिया अभियान वीडियो और डिजिटल रूप से भी प्रचारित-प्रसारित होगी। सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह या ’पोषण माह’ के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए यह अभियान अपने टैगलाइन, ’अगर बचपन से पूछा खाना खाया, तो देश का कल बनाया’ के साथ बच्चों की भूख और कुपोषण को समाप्त करने, पोषण की आवश्यकता का प्रचार करता है। जो अब तक वंचित हैं, उन्हें इस अभियान के माध्यम से सशक्त किया जाएगा। यह अभियान वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक उचित पोषण सुनिश्चित करके भारत में बच्चों और युवाओं के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए फाउंडेशन के समर्पण का प्रतिनिधित्व करता है।

अभियान के लॉन्च के अवसर पर वेदांता लिमिटेड की निदेशक और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की अध्यक्ष, सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “मेरे पिता जी का यह दृष्टिकोण उनकी जीवन यात्रा और बचपन में भूख के अनुभवों और प्रत्येक के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की उनके सोच से उपजा है। बच्चे, इस अभियान का शुभारंभ एक ऐसे आंदोलन की शुरुआत है, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को शामिल किया जाएगा। हम साथ मिलकर अपनी भावी पीढ़ियों को उनके सपनों को साकार करने का उचित मौका दे सकें। भारत को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकें। यह हमारा अटूट विश्वास है कि प्रत्येक बच्चे में क्षमता है, जिसका पोषण करना आवश्यक है, न केवल उनके लिए बल्कि हमारे देश के भविष्य के लिए यह अनिवार्य है। प्रोजेक्ट नंद घर के माध्यम से, हम अपने केंद्रों में नामांकित बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। हालांकि अभी भी उन्हें उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में मदद करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें भूख और पोषण की कमी को खत्म करने के साथ शुरुआत करनी होगी।’

इस अभियान को मैककैन एरिकसन (इंडिया) द्वारा डिज़ाइन और क्रियान्वित किया गया है। अपने शुरुआती चरण में, भूख और कुपोषण को समाप्त करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और हमारी भावी पीढ़ी को बेहतर कल के लिए समान अवसर प्रदान करने का प्रयास करता है। इस लॉन्च के साथ, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने अपने नए लोगो का भी अनावरण किया है, जो एएएफ के दर्शन का प्रतीक एक बढ़ते पौधे से प्रेरित है। हर किसी में क्षमता है, जिसे पहचाना जाना चाहिए और परिपक्वता तक फूलने के लिए उसका पोषण किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर मैककैन वर्ल्डग्रुप इंडिया के सीईओ और सीसीओ एवं एशिया प्रशांत क्षेत्र के अध्यक्ष, श्री प्रसून जोशी ने कहा, “जब अभियान सच्चे जीवन के अनुभवों से पैदा होते हैं, तो वे प्रामाणिक होते हैं। लोगों के साथ वास्तविक जुड़ाव पैदा करते हैं। यह एक ऐसा अभियान है, जो वास्तव में एक अनुभूत सच्चाई और एक सच्चे जुड़ाव को दर्शाता है। यह व्यक्ति को जड़ता से बाहर निकालने और समाज को सकारात्मक कार्रवाई की ओर ले जाने का भी प्रयास करता है।’’

एएएफ अपनी प्रमुख सामाजिक परियोजना ‘नंद घर’ के माध्यम से, वेदांता और भारत सरकार के बीच एक सहयोगी परियोजना के तहत देश भर में भूख और कुपोषण को खत्म करने में योगदान दे रही है। इसका लक्ष्य देश भर में 29,000 से अधिक आंगनबाड़ियों का विकास और आधुनिकीकरण करना है। इसने अब तक 5,500 आंगनबाड़ियों को नंद घरों के रूप में विकसित किया है, जहां समग्र विकास के अवसरों के माध्यम से समुदाय, विशेषकर बच्चों और महिलाओं के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। भारत सरकार के पोषण अभियान और इस वर्ष के पोषण माह की थीम ’सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत’ के अनुरूप, नंद घर पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तीकरण का समर्थन करने के अपने दृष्टिकोण का सच्चा प्रतीक बन गया है।

उल्लेखनीय है कि पोषण नंद घर पहल के मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक है। यह ध्यान में रखते हुए कि खराब पोषण बच्चों के विकास में बाधा डालता है, जिसका सीखने और उत्पादकता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है, हमारी परियोजना इस महत्वपूर्ण आवश्यकता का समर्थन करती है। शून्य भूख के सतत विकास लक्ष्य 2 की प्राप्ति के लिए पोषण भी अनिवार्य है। नंद घर स्कूली बच्चों के बीच कुपोषण को कम करने में सफल रहा है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में गंभीर रूप से तीव्र कुपोषित (एसएएम) और मध्यम रूप से तीव्र कुपोषित (एमएएम) श्रेणियों में लगभग 20 प्रतिशत कम बच्चे शामिल हैं।

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