हाल ही में नई दिल्ली में अपोलो म्युनिख हेल्थ इंश्योरेंस (एएमएचआई) ने विन-विन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (हेल्थ वॉलेट ) के ‘विनश्योर’ पेश की। हेल्थ वॉलेट ग्राहकों की मौजूदा आवश्यकताओं की पूर्ति के अलावा अस्पताल में रहने या ओपीडी के खर्चों का भुगतान भी करता है। यह सुविधा अधिकांश स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कवर नहीं होती।
विघटनकारी और अभिनव हेल्थ वॉलेट प्लान एक अनूठे ‘रिजर्व’ लाभ के साथ मिलता है। अपने नाम के अनुकूल यह खासियत ग्राहकों के लिए एक रिजर्व किट्टी बनाती है जिसका उपयोग भिन्न किस्म के आउट ऑफ पॉकेट खर्चों के लिए किया जा सकता है। इनमें स्पीच थेरापी, दवाइयां खरीदना, टीकाकरण, दांतों के खर्चे, रोग निदान के लिए आवश्यक जांच, चश्मे, कांटैक्ट लेंस, चिकित्सा उपकरण जैसे ब्लड प्रेशर और शुगर नापने की मशीन, ऑक्सीमीटर, प्रोसथेटिक्स, मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले से कंसलटेशन, फिजियोथेरेपिस्ट, डायटिशियन आदि शामिल हैं। और यह पूरा नहीं है। उपयोगकर्ता चाहें तो इससे ‘नॉन पेएबल आयटम’ के लिए भुगतान करने के लचीलेपन का भी लाभ उठा सकते हैं जबकि आम तौर पर ये स्वास्थ्य बीमा में शामिल ही नहीं किए जाते हैं। एक अनूनठी पेशकश के रूप में यह अन्य चिकित्सा खर्चों का भुगतान कर सेता है जो किसी अन्य मेडिकल बीमा में कवर नहीं होते हैं जैसे कॉस्मेटिक उपचार, अलजाइमर आदि। यही नहीं, ग्राहक इस रिजर्व राशि का उपयोग को-पेमेंट और कटौती योग्य खर्चों का भुगतान करने के लिए भी कर सकता है।
रिजर्व बेनिफिट का सबसे दिलचस्प हिस्सा यह है कि इससे आपका पैसा आपके लिए कमा पाता है। हर साल अनुपयुक्त रिजर्व राशि आगे बढ़ा दी जाती है और इसपर 6ः बोनस मिलता है। इस तरह एकत्र होने वाली रिजर्व राशि का उपयोग लगातार पांच बार नवीकरण के बाद नवीकरण के प्रीमियम का 50 प्रतिशत तक देने के लिए किया जा सकता है। इसमें कोई विवाद नहीं है कि यह स्वास्थ्य बीमा उद्योग में एक नई उपलब्धि है जो बचत और लाभ की भारतीय मनःस्थिति के अनुकूल है और ग्राहक बाद के वर्षों में इससे अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अदा कर सकते हैं।
इस बाबत श्री एंटनी जैकब, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अपोलो म्युनिख हेल्थ इंश्योरेंस ने कहा, “बदलती जीवनशैली के साथ भारत के लोगों की हेल्थकेयर आवश्यकताएं भी तेजी से बदल रही हैं और इसके साथ हमारा मानना है कि स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के लिए खुद को पुनर्पारिभाषित करना आवश्यक है, ताकि ग्राहकों की उभरती आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। हेल्थकेयर फाइनेंसिंग के संदर्भ में इस समय तीन प्रमुख जानकारियां उपलब्ध हैं और संभवतः यही स्वास्थ्य बीमा की पहुंच कम होने का कारण है। पहला – आउट ऑफ पॉकेट खर्चों में भारत का स्थान 189 देशों में 183 है। इसका मतलब हुआ 60ः से ज्यादा हेल्थकेयर के खर्चे जेब से दिए जाते हैं। दो – भारतीय ग्राहक संभवतः सबसे न्यायपूर्ण हैं क्योंकि वे हमेशा रुपए के उचित मूल्य की तलाश रहते हैं और यह उनके मस्तिष्क में दर्ज है कि पैसे बचाने हैं और भविष्य के लिए योजना बनाना है। तीसरा – रिटायरमेंट के बाद लोग हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम देने के लिए परेशान रहते हैं। ग्राहकों के लिए लगातार चिंता वाले इन मुद्दों ने हमें नए सिरे से उद्योग की खोज करने के लिए प्रेरित किया। आज हमें अपने क्षेत्र में इस परिवर्तन का नेतृत्व करने वालों में अग्रणी होते हुए गर्व महसूस हो रहा है। क्रांतिकारी उत्पाद “हेल्थ वॉलेट” के साथ हम एक नई श्रेणी, विनश्योर पेश कर रहे हैं जो उपरोक्त सभी चिन्ताओं को दूर सकता है।
अगली पीढ़ी का उत्पाद हेल्थ वॉलेट इस तरह से डिजाइन किया गया है कि स्वास्थ्य बीमा खरीदने के दौरान लोगों को जो उलझनें रहती हैं उनमें से कई को दूर किया जा सके। और यह हेल्थकेयर फाइनेंसिंग की उनकी संपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। हेल्थ वॉलेट सबके लिए लाभप्रद सौदे की मूल भावना के तहत नए शब्द तैयार करेगा। अगर ओपीडी से लेकर अस्पताल में दाखिल होने और इमरजेंसी तक हेल्थकेयर की सभी आवश्यकताएं एक अकेले प्लान से पूरी हो जाएं तो निश्चित रूप से यह परम जीत है। यही नहीं, विन योर मनी आपके कल के लिए कमाता भी है। इसके साथ, हम दृढ़ता से मानते हैं कि हम समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव लाएंगे और यह हमारी खास पेशकशों से होगा तथा हम अपनी कोशिशें जारी रखेंगे ताकि भारत को स्वास्थ्य के मामले में आत्मविश्वास से पूर्ण राष्ट्र बनाया जा सके।
बता दें कि बॉलीवुड एक्टर फरहान अखतर कंपनी के ब्रांड एमबेस्डर होंगे।