आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में हैं रोजगार के ढेरों अवसर

नई दिल्ली। हमारे जीवन में आजकल एआई अर्थात् आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि अब भारतीय युवाओं के लिए इस फील्ड में नौकरी के भी ढेरों अवसर उपलब्ध होंगे। नैसकाॅम और फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले कुछ वर्षो के दौरान भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की वजह से प्रमुख औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के कारण आईटी, रिटेल, फाइनेंस टेक्सटाइल और आॅटो सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरिया सृजित होंगी।

आजकल हम स्मार्ट होम्स के बारे में सुनते हैं और आप अपने इस स्मार्ट होम को घर से दूर रहकर भी कंट्र्ोल कर सकते है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि यह ‘स्मार्ट होम्स’ का काॅन्सेप्ट कैसे काम करता है ? जी हां! हमारे स्मार्ट होम्स के इस काॅन्सेप्ट के पीछे ‘ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस’ का काॅन्सेप्ट काम करता है। अब पूरी दुनिया में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का दौर हे और इस वजह से आजकल हमारे कई गैजेट्स और डिवाइसेस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की तकनीक पर ही काम करते हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तकनीक से तैयार किए गए ये गैजेट्स और डिवाइसेस हमारी कई सारी जरूरतें एक साथ पूरी कर देते हैं जैसेकि आपने आजकल कई ऐसे राॅबोट्स जरूर देखें होंगे जो हम इंसानों की जगह कई जोखिम भरे काम करते है। इतना ही नहीं, आजकल हमारे रोजमर्रा के जीवन के भी अनेक काम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की टेकनीक पर बेस्ड ये रोबोटस ही कर रहे हैं।

अगर हम भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में नौकरी के विभिन्न अवसरों की बात करें तो एक स्टडी के मुताबिक, पिछले साल भारत की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस इंडस्ट््री में लगभग 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है लेकिन इस समय हमारे देश में वर्तमान में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में 4 हजार से अधिक पोस्टस खाली हैं।  जाॅब सीकर कैंडिडेट्स इस बात पर भी जरूर गौर करें कि, हमारे देश में लगभग 57 फीसदी फम्र्स कम से कम 5 वर्ष का कार्य अनुभव रखने वाले लोगों को ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से संबंधित विभिन्न जाॅब्स प्रदान करना चाहती हैं। लेकिन जो भी हो हम आज के नए भारत के काॅन्सेप्ट को देखते हुए यकीनन यह कह सकते हैं कि, हमारे देश में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में युवाओं के लिए नौकरी के ढेरों अवसर उपलब्ध है।

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का परिचय

अगर हम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के काॅन्सेप्ट को समझना चाहंे तो, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एक कंप्यूटर अपने प्रोग्राम द्वारा दिए जा रहे निर्देशों को समझने के बाद उन्हें सुरक्षित करता है और उनके आधार पर ह विभिन्न जरूरतों को समझते हुए अपने निर्णय देता है और फिर, इन निर्णयों के मुताबिक अपने सारे काम करता है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिये अब मशीनों के बीच संवाद करना भी मुमकिन हो गया है। वास्तव में ‘ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस’ ने रोबोटिक्स की दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। इस तकनीक के कारण अब रोबोटस भी कई चीजों को सीख सकते हैं। अब कोई भी प्रोग्राम्ड रोबोट विभिन्न जरूरतों के मुताबिक अपने कई काम करने के निर्णय खुद ही ले सकता है।

 

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में हैं रोजगार के ढेरों अवसर

 

नैसकाॅम और फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले कुछ वर्षो के दौरान भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की वजह से प्रमुख औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के कारण आईटी, रिटेल, फाइनेंस टेक्सटाइल और आॅटो सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरिया सृजित होंगी। कुछ लोगों का मानना है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की वजह से कर्मचारियों की जरूरत कम हो जाएंगी, लेकिन विशेषज्ञों की राय में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बढते हुए इस्तेमाल से ऐसे पेशेवरों की मांग बढेगी ताकि वे इन मशीनों की देखरेख करने के साथ ही इन मशीनों का निर्माण भी कर सकें।

 

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में मल्टीनेशनल कंपनियां कर रही है ज्यादा इन्वेस्टमेंट

आजकल गूगल, फेसबुक और लिंक्डइन जैसी टेक्नीकल क्षेत्र की टाॅप कंपनियां  हमारे देश में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक में इन्वेस्ट कर रही हैं और लोगों को रोजगार का अवसर भी मुहैया करवा रही है। स्मार्टफोन की तरह ही अब आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक को हरेक उपकरण के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
‘फोरेस्टर रिसर्च’ की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 तक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक का मौजूदा बाजार लगभग तीन गुण बढ़ कर सालाना 1.2 खरब डाॅलर तक होने की संभावना है। हरेक क्षेत्र में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ रहा है और यह इस तकनीक के जानकार उम्मीदवारों के लिए एक शुभ संकेत है।

 

अपना जाॅब प्रोफाइल बदल भी सकते हैं आप

देश-दुनिया के उद्योग जगत में जिन नौकरियों के लिए कई टेक्नीकल स्किल्स की जरूरत होती है, उनकी मांग हमेशा बनी ही रहती है। लेकिन आटोमेशन कि वजह से अब कुछ नौकरियों का स्वरूप बदल गया है। इसलिए आॅटोमेशन की वजह से कुछ नौकरियों में जाॅब प्रोफाइल अवश्य बदलेगी। अतः मार्केट में अपनी उपयोगिता बनाए रखने के लिए उम्मदीवारों को अपना टेक्नीकल स्किल्स बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

एकेडमिक क्वालिफिकेशन

जहां तक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में कोई सूटेबल जाॅब हासिल करने के लिए जरूरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन का प्रश्न है, तो कंप्यूटर और मैथ्स विषय से डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक में अपना कॅरिअर बना सकते हैं। कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएड कैंडिडेटस भी इस क्षेत्र में जाॅब कर सकते है। इसके लिए स्टूडेंटस बीएससी ;कंप्यूटर साइंसद्ध के साथ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में स्पेशलाइजेशन कोर्स चुनें। इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में स्पेशलाइजेशन कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है।

भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में कोर्स करवाने वाले प्रमुख इंस्टीयूट हैं –
–  इंडियन इंस्टीटयूटर आॅफ टेक्नोलाॅजी, मुंबई
– मद्रास यूनिवर्सिटी
– इंडियन इंस्टीटयूट आॅफ टेक्नोलाॅजी, इलाहाबाद
– बिरला इंस्टीटयूट आॅफ टेक्नोलाॅजी, रांची
– इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी

 

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के तहत पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्सेज

–  इंट्र्ोडक्शन टु आर्टिफिशल इंटेलिजेंस,
–  आर्टिफिशल इंटेलिजेंस फाॅर रोबोटिक्स ;उडेसिटीद्ध
– मशीन लर्निग,
– न्यूरल नेटवर्क फाॅर मशीन लर्निग,
– कंप्यूटेशनल न्यूरोसाइंस ;कोर्सेराद्ध

 

भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में ये हैं प्रमुख जाॅब प्रोफाइल्स

– साॅफ्टवेयर एनालेटिक्स,
– रोबोटिक्स प्रोग्रामर्स,
– एल्गोरिधम स्पेशलिस्ट,
– गेमिंग फील्ड में प्रोग्रामर्स,
-सर्च इंजन में एनालेटिक्स

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक में स्किल्ड लोगों को अपने कॅरिअर के शुरू के दिनों में उक्त पोस्टस पर सूटेबल नौकरियां मिल सकती है। इस फील्ड की अधिक जानकारी रखने वाले कैंडिडेट्स रिसर्च इंस्टीटयूट आॅटोमोबाइल्स, इंडस्ट्र्यिल टूल्स व निजी क्षेत्र में नौकरियां प्राप्त कर सकते है। इसके अतिरिक्त जिन कैंडिटेटस ने रोबोटिक्स टेक्नीक की पढ़ाई की है, वे रोबोट टेक्नोलाॅजी, कंप्यूटर कंट्र्ोल्ड मशीन प्रोग्रामिंग, रोबोटिक सेल्स के फील्ड में भी नौकरी पा सकते है।

भविष्य में डिमांड में रहने वाले प्रोफेशनल्स

मेन-मशीन टीम मैनेजर: भविष्य में अधिकांश कंपनियों की तरक्की इस बात पर निर्भर करेगी कि वे मशीन और मानव के श्रम का कितना रही और सटीक उपयोग कर सकते है। इस काम के लिए मैन-मशीन टीमिंग मैनेजर जैसी नौकरियां पैदा होंगी, जो मशीन व व्यक्ति के बीच संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने का काम करेंगे। ऐसे लोग इंजीनियरिंग और हयूमन रिसोर्स दोनो के जानकार होंगे तथा अपनी कंपनी के लिए मशीन और मानव दोनों के बेहतर इस्तेमाल की स्ट्र्ेटेजी तैयार करेंगे।

एथिकल सोर्सिग आॅफिसर और डाटा डिटेक्टिव: ये मुख्य रूप से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को लेकर बने नियमों को लागू करवाने का काम करेंगे। इनके माध्यम से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नीक के दुरूपयोग को रोका जा सकेगा। यह सामान्य रूप से एथिकल हैकर के काम से मिलता-जुलता काम होगा। ऐसे प्रोफेशल्स डाटा डिटेक्टिव सेंसर्स, बाॅयोमेट्र्कि माॅनिटर्स, कंप्यूटिंग से पैदा होने वाले डाटा स्टडीज के जरिये बिजनेस से जुडी सभी समस्याओं को हल निकालने की कोशि करेंगे।

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर: ऐसे प्रोफोशनल्स आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को आधार बनाकर मार्केटिंग व सेल्स की योजना तैयार करेंगे या फिर व्यावसायिक योजनाओं में इस टेक्नीक की भूमिका निर्धारित करने का काम करेंगे।

 

भारत में युवाओं के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में है सुनहार भविष्य

देश-दुनिया में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बढ़ते हुए चलन को देखकर अब भारत सरकार भी इस फील्ड में काफी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है जैसेकि, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे विषयों में शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत एक हजार बेहतरीन छात्रों का चयन करेगी। इस फेलोशिप के लिए बीटेक फाइनल ईयर के मेघावी छात्रों को चुना जाएगा। अब देश के सभी टेक्नीकल इंस्टीटयूटस में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को लेकर शोध, पढ़ाई और अविष्कार को बढ़ावा देने की योजना भी भारत सरकार की है। अटल इनोवेशन मिशन के साथ ही इसकी शुरूआत हो चुकी है। सरकार 2 हजार स्कूलों में छात्रों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की प्रैक्टिकल एजुकेशन के लिए लैब की सुविधा प्रदान कर रही है।
भारत सरकार का इस पर लगभग 1000 करोड़ रूपयों से अधिक खर्च करने की योजना है। आसान शब्दों में, अगर हम अपने देश में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के लगातार बढ़ते हुए प्रभाव के बारे में गंभीरतापूर्वक विचार करें तो, कुल मिलाकर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की फील्ड में भारत के युवाओं का भविष्य सेफ और सिक्योर है।

 


डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, कॅरिअर काउन्सलर, बीकानेर

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