मुंबई। कविता और संगीत के जबरदस्त पारखी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के प्रशंसक थे और जसराज को उन्होंने ‘रसराज: (रास के राजा)’ की उपाधि दी थी। पंडित जसराज ने अपनी आत्मकथा “रसराज: पंडित जसराज” के विमाचन के दौरान खुद यह खुलासा किया। हाल ही में इस आत्मकथा का विमोचन अमेरिका में हुआ। आत्मकथा की लेखिका सुनीता बुद्धिराजा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘ पंडित जसराज ने श्रोताओं को बताया कि वह अटलजी थे जिन्होंने पहली बार उन्हें रसराज कहा था। यह उपाधि पंडित जसराज को काफी पसंद है।’
बुद्धिराजा ने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की महत्वपूर्ण हस्ती और ‘संतूर’ वादक पंडित शिवकुमार शर्मा ने उन्हें बताया था कि पंडित जसराज को अपनी उपाधियों और सम्मान में से सबसे ज्यादा ‘रसराज’ की उपाधि पसंद थी। उन्होंने बताया कि एम्स में वाजपेयी आकाशवाणी एफएम गोल्ड रेडियो स्टेशन पर पुराने हिंदी फिल्मों के गाने और कविताएं सुनते थे। मेवात घराने के इस क्लासिकल गायक को 1975 में पद्म श्री, 1990 में पद्म भूषण और 2000 में पद्म विभूषण की उपाधि से नवाजा गया।