नई दिल्ली। मोदी सरकार काले धन और बेनामी संपत्तियों पर रोक लगाने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले दिनों भी सरकार की तरफ से कहा गया था कि बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वाले शख्स को इनाम दिया जाएगा। लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने के लिए एक करोड़ रुपये का इनाम देने की योजना शुरू की है। सरकार ने ‘बेनामी ट्रांजेक्शन इंफारमेंटस रिवार्ड स्कीम, 2018’ शुरू की है। सरकार की इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति निर्धारित प्रारूप में ज्वाइंट कमिश्नर या एडिशनल कमिश्नर के सामने बेनामी संपत्ति की जानकारी देता है तो वह एक करोड़ रुपये का इनाम पाने का हकदार होगा। फाइनेंस मिनिस्ट्री के अनुसार बेनामी संपत्ति की जानकारी इनकम टैक्स विभाग के इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टोरेट को देनी होगी। जानकारी सही होने पर सूचना देने वाले को ‘बेनामी ट्रांजेक्शन इंफारमेंटस रिवार्ड स्कीम, 2018’ के तहत एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले दिनों ही 1988 के बेनामी एक्ट को संशोधित कर बेनामी ट्रांजेक्शंस एक्ट, 2016 पारित कराया है। अब सरकार ने बेनामी संपत्तियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए लोगों का सहयोग बढ़ाने के लिए यह स्कीम शुरू की है। इस स्कीम का फायदा विदेशी नागरिक भी उठा सकेंगे. इसके तहत बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वाले की पहचान को गुप्त रखा जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने के लिए ‘बेनामी लेनदेन सूचनार्थी पुरस्कार योजना 2018’ का घोषणा की है। इस स्कीम के तहत अगर कोई व्यक्ति बेनामी संपत्ति के बारे में सरकार को जानकारी देता है तो उसे एक करोड़ तक का इनाम मिल सकता है। बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी प्रहिबिशन यूनिट्स में अडिशनल कमिश्नर के सामने देनी होगी।हाल ही में सरकार ने 1988 के बेनामी ऐक्ट को संशोधित कर बेनामी ट्रांजैक्शंस ऐक्ट, 2016 पारित कराया है। अब बेनामी संपत्तियों की खोज में लोगों के सहयोग को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह इनामी योजना घोषित की है। बेनामी लेनदेन और संपत्तियों को उजागर किए जाने और ऐसी संपत्तियों से मिलने वाली आय के बारे में सूचना देने वाले लोगों को यह इनाम हासिल होगा।
मंत्रालय के मुताबिक इस स्कीम का लाभ विदेशी नागरिक भी उठा सकते हैं। जानकारी देने वाले शख्स की पहचान को गुप्त रखा जाएगा और पूरे मामले में सख्ती से गोपनीयता का पालन किया जाएगा। बेनामी ट्रांजैक्शंस इन्फर्मेंट्स रिवॉर्ड स्कीम, 2018 के बारे में इनकम टैक्स के दफ्तरों और उसकी वेबसाइट पर पूरी जानकारी उपलब्ध है। यही नहीं सरकार ने इनकम टैक्स चोरी के मामलों को उजागर करने के लिए भी 50 लाख रुपए की इनाम योजना का ऐलान किया है। 1961 के आईटी ऐक्ट के तहत सरकार ने इनकम टैक्स इनफर्मेंट्स रिवॉर्ड स्कीम शुरू की है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति टैक्स चोरी के मामले की जानकारी आयकर विभाग के जांच निदेशालय में देता है तो इस इनाम का हकदार होगा।
क्या होती है बेनामी संपत्ति ?
कोई भी व्यक्ति जब किसी संपत्ति को अपने पैसे से किसी और के नाम से खरीदता है तो वह बेनामी संपत्ति कहलाएगी। हालांकि, यह जरूरी है कि संपत्ति में लगाया गया पैसे का स्रोत अज्ञात हो, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को भी न हो। फिर चाहे पेमेंट कैसे भी किया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो ऐसी संपत्ति को कभी भी जब्त कर सकती है। साथ ही बेनामी संपत्ति की खरीद में दोषी पाए जाने पर खरीददार को 7 साल की कैद की सजा हो सकती है।