
नए कार्यक्रमों की शुरुआत की घोषणा करते हुए डॉ. पाब्ला ने कहा, ‘नए पाठ्यक्रम उद्योग की मांगों के अनुसार रचे गए हैं। हमारा उद्देश्य अधिकतम संभव कौशल क्षेत्रों में छात्रों को गहन प्रशिक्षण प्रदान करना है। हमारी व्यावसायिक डिग्री पूरी करने वाले किसी भी छात्र के पास निश्चित रूप से भर्ती होने की अधिक संभावना होगी क्योंकि वह हमारे परिसर में उपलब्ध पेशेवरों में सबसे अधिक मांग वाली विश्व स्तर की मशीनों पर प्रशिक्षण प्राप्त करेगा।’
बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों को संबोधित करते हुए डॉ. पाब्ला ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य कौशल विकास की पहलों के साथ सर्वश्रेष्ठ छात्रों को तैयार करना है। हमें इन नए पाठ्यक्रमों की घोषणा करने पर गर्व है। मुझे उम्मीद है कि इससे छात्रों को जमीनी स्तर से नौकरी पाने में मदद मिलेगी। हमें यह साझा करने में खुशी हो रही है कि हमने उन सभी छात्रों को 100 फीसदी प्लेसमेंट सहायता प्रदान करके एक मील का पत्थर पार किया है, जो पिछले वर्ष बी.वोक पाठ्यक्रम में नामांकित हुए थे। इसके अलावा, इस समय हमारे पास नियुक्तियों के लिए लगभग 180 कंपनियां हैं।’
तीन नए पाठ्यक्रमों के तहत, छात्र विश्वविद्यालय में तीन सेमेस्टर पूरे करेंगे, जहां वे अपने संबंधित क्षेत्रों के सैद्धांतिक पहलुओं के साथ-साथ मशीनों और उपकरणों के साथ काम करना सीखेंगे। जबकि, अन्य तीन सेमेस्टर उद्योग में पूरे किए जाएंगे जहां छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा।
नए पाठ्यक्रमों के साथ, बीएसडीयू ने अपनी फीस संरचना में वृद्धि की भी घोषणा की। पहले फीस 50,000 रुपए से 60,000 रुपए तक थी, जबकि अब बीएसडीयू में बी. वोक और एम.वोक पाठ्यक्रम के लिए फीस 60,000 से लेकर लगभग 1,00,000 रुपए तक के हैं। बढ़ाने के पीछे का कारण छात्रों की साल-दर-साल बढ़ती संख्या, और विश्वविद्यालय के लिए और अधिक अत्याधुनिक संसाधनों और सुविधाओं की आवश्यकता है। इसके अलावा, बीएसडीयू ने अपने पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण विधियों में कुछ बदलावों का प्रस्ताव रखा।