चुनाव में किसने बांटा , किसने जोड़ा ? 

हाथ से फिसल गये गुजरात व हिमाचल । हिमाचल की अभी तक यही परंपरा रही कि एक बार कांग्रेस और दूसरी बार भाजपा । तीसरी पार्टी के लिए कोई गुंजाइश नहीं । कांग्रेस इस परंपरा को नहीं तोड़ पाई और भाजपा सत्ता में आ गयी । सबसे लम्बा इंतजार भी करना पडा हिमाचल को चुनाव परिणाम के लिए । मजेदार बात कि हिमाचल में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल अप्रत्याशित रूप से हार गये जबकि भाजपा ने आखिरी समय में उन्हें मुख्यमंत्री पद के रूप में घोषित किया था । भाजपा तो जीत गयी पर धूमल के सितारे धूमिल पड गये ।
जहां तक गुजरात की बात है भाजपा वहां पिछले बाइस साल से सत्ता में थी । दूसरे पाटीदार आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल , युवा नेता अल्पेश व जिग्नेश ने हाथ थामा राहुल गांधी का और कांग्रेस में उत्साह भर दिया । राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच चुनाव जम गया, ठन गया और महाभारत के युद्ध की तरह लडा गया । हर गलती को नरेंद्र मोदी ने अपने पक्ष में भुनाया । चाहे वह मणिशंकर अय्यर का नीच कहना हो या फिर  कपिल सिब्बल का राम मंदिर को 2019 तक टाल देने का आग्रह । सब भुनाया । मोदी ने गुजराती में रैलियों को संबोधित कर इमोशनल टच भी प्रदान किया । सोमनाथ मंदिर का रजिस्टर भी पूरी तरह भुनाया गया । फिर सर्वे, ओपिनियन पोल और मीडिया ने भी कमी नहीं छोडी । कांग्रेस इन सब मामलों में पिछड़ गई ।
जी एस टी , नोटबंदी और आलू , टमाटर और प्याज की कीमतें भी कांग्रेस भुना नहीं पाई । महंगाई,  भ्रष्टाचार और सत्ता विरोधी लहर बनाने में कांग्रेस असफल रही । जबकि मोदी ने लगातार रैलियां कर भाजपा के हाथ से फिसलते हुए गुजरात को फिर से थाम लिया । हार कर जीतने वाले को ही बाजीगर कहते हैं और नरेंद्र मोदी ने यह बाजीगरी दिखा दी ।
इसके बावजूद जहां कांग्रेस को बहुत सबक सीखना है ,वहीं भाजपा को भी ग्रामीण विकास कीमत ओर ध्यान देना होगा । ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस को और शहरी क्षेत्र में भाजपा को बढत मिली है । अहमदाबाद,  सूरत और बडोदरा जैसे शहरों ने भाजपा को निर्णायक बढत दिलाई । राहुल गांधी को अपनी नयी टीम बनानी होगी और कर्नाटक को बचाने के लिए रणनीति अभी से बनानी होगी ।
हर हार से सबक मिलता है और भाजपा के प्रवक्ताओं को थोडा विनम्र होना पडेगा । आखिर राहुल गांधी का उपहास उडाना इतना आसान  नहीं रह गया । कुछ तो परिवर्तन आया है । चलिए । जीतने वालों को जीत मुबारक । हारने वाले को सीख कि दम लगा भाई । अभी कुछ नहीं बिगड़ा । लगे रहो मुन्नाभाई ।
कमलेश भारतीय

One Comment on “चुनाव में किसने बांटा , किसने जोड़ा ? ”

  1. हमेशा की तरह मेरे लेख को जगह मेरे लेख को । न्यूज हरपल सबको लुभाने में सफल रहे । यही शुभकामनायें ।

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