युवाओं को किसानों के लिए आगे आना होगा: वीरेंद्र सिंह मस्त

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त जी ने कहा कि कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए यह बेहद जरूरी है कि किसानों की हालत सुधरें। जब हमारे अन्नदाता खुशहाल होंगे, तो देश विकास के रास्ते पर चलेगा। इसी सोच के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा की। इससे देश के करोड़ों किसानों को लाभ होगा। मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है, और इस लक्ष्य को पाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की साठ फीसदी आबादी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि पर निर्भर है, जाहिर है कि किसानों की आय बढ़ाए बिना, उनका विकास किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। यही वजह है कि मोदी सरकार का पूरा ध्यान किसानों के आर्थिक विकास पर केंद्रित हैं। पिछले तीन वर्षों से किसानों की लागत कम करने और आय बढ़ाने की जो कोशिशें की जा रही हैं, उनका असर अब दिखने लगा है। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय के मुताबिक किसानों की आय को केंद्र में रख कर योजनाएं बनाने से आज किसान की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। केंद्र सरकार से मिले प्रोत्साहन का ही नतीजा है कि इस वर्ष फसल की बंपर पैदावार हुई है। वहीं, जैविक खेती को बढ़ावा देने से यूरिया की खपत में कमी आई है और इससे भी फसल की लागत कम हुई है।
सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त जी राष्ट्रीय युवा किसान समिति, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग स्थित उत्तर प्रदेश भवन में यह बैठक आयोजित की गई। इसमें सैकडों लोग शामिल हुए थे। राष्ट्रीय युवा किसान समिति के तमाम राष्ट्ीय पदाधिकारियों ने अपने मोर्चा अध्यक्ष व सांसद श्री मस्त जी का स्वागत किया था। अपनी बातें रखीं। उसके बाद वे अपना अध्यक्षीय संबोधान दे रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त जी ने कहा कि एक वक्त था जब यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान रहते थे। लेकिन मोदी सरकार की नीतियों से इसपर रोक लग गई है। दूसरी ओर सरकार ने देश को यूरिया उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है। इस प्रयास में पुराने कारखानों को शुरू करने के साथ नए कारखानों की भी शुरुआत हुई है। कई राज्यों में बन रहे यूरिया कारखानों के निर्माण में भी कार्य तेज गति से चल रहा है। भारत सरकार गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, तालचर और रामागुण्डम स्थित पांच उर्वरक संयत्रों का पुनरूद्धार कर रही है। गोरखपुर में निर्माणाधीन फैक्ट्री में यूरिया का उत्पादन वर्ष 2022 से शुरू हो जाएगा।किसानों की सहूलियत का ख्याल रखते हुए सरकार यूरिया के छोटे बैग मुहैया कराने पर विचार कर रही है। वर्तमान में किसानों को यूरिया 50 किलो के बैग में मिलता है। सरकार का प्रयास बैग के आकार को छोटा कर 45 किलो करने का है। सरकार मानना है कि इससे यूरिया की बचत होगी।
युवाओं को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त जी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ने कहा भारतीय कृषि का गौरव लौटाएंगे और 2022 तक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सारे रास्ते अपनाएंगे। सरकारी दायरे से अलग धरती से जुड़े लोगों के साथ उनकी समस्याओं पर व्यावहारिक विचार-विमर्श किया गया है। नीति आयोग के नेतृत्व में संबंधित सभी मंत्रालयों के अफसरों के साथ मिलकर उस पर अमल किया जाएगा।इसके लिए एग्रो क्लामेटिक जोन के हिसाब से वहां के किसानों के हित में योजनाएं चलाई जाएंगी। कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा संपदा योजना का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में सुगंधित कृषि उत्पादों की मांग बहुत बढ़ी है। भारत में इसकी बड़ी संभावनाएं हैं, जिसका दोहन किया जा सकता है। भारत अपने खुशबू से दुनिया में महक बिखेर सकता है। किसानों को समय पर जानकारी मुहैया कराना और मांग आधारित खेती के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करना जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को हर तरह की जानकारी मुहैया कराने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करने चाहिए। सरकार इस ओर कार्य कर रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम केंद्र सरकार की योजनाों को गांव-गांव तक पहुंचाएं। जब तक हर गांव खुशहाल नहीं होगा, हमारे अन्नदाता के चेहरे पर खुशी नहीं होगी। हमें हरेक चेहरे पर सुकून लाना है। छोटे किसानों को कर्ज न मिलने की समस्या को दूर करने के लिए सभी 63000 सहकारी समितियों के कंप्युटरीकरण का कार्य तेजी से हो रहा है।किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उनकी परंपरागत खेती के साथ अतिरिक्त आय के साधन सृजित करने होंगे। इनमें बागवानी, डेयरी, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन व सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों से जोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण मंडियों को विकसित करने की योजना के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह की सिफारिश सौ साल पहले अंग्रेजों के जमाने में आई थी, जिसे अब हमे लागू करने का मौका मिला है। इन ग्रामीण मंडियों को ईनाम से जोड़ा जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त जी ने राष्ट्रीय युवा किसान समिति के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आप सब युवा हैं। आपमें असीम संभावनाएं हैं। आप किसान की खेती और फसल पर ध्यान दें। गांव-गांव जाकर उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने का गुर सिखाएं। किसान की सबसे बडी पूंजी उसकी मेहनत होती है। सच्ची लगन और मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की तरह स्पष्ट सोच, दृढ इच्छाशक्ति के साथ सबका साथ और सबका विकास के मूल मंत्र को साकार करना होगा।

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