ब्रेनली सर्वे: 63% छात्रों का दावा है कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म से उन्हें घर में पढ़ाई करते समय तनाव कम करने में मदद मिली

 

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, ब्रेनली ने घर से पढ़ाई करने के बदलाव की वजह से छात्र की मानसिक सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में पता लगाने के लिए अपने भारतीय उपयोगकर्ता आधार का सर्वे किया। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर किए गए इस सर्वे में इस बारे में गहन जानकारी पाने के लिए 1,764 प्रतिक्रियाएं इकट्ठा की गई, कि छात्रों अपने तनाव और अन्य मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को कैसे संभालते हैं।

1. अधिकांश (75%) छात्रों ने कोविड की वज़ह से घर में पढ़ाई करने के दौरान मानसिक सेहत में बदलाव का उल्लेख किया

निष्कर्षों के अनुसार, 34% जवाब देने वालों ने अपने परिवेश में मानसिक सेहत से जुड़ी निम्न स्तर की समस्या का उल्लेख किया। इससे मानसिक सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने के महत्व के बारे में माता-पिता, शिक्षकों और छात्रों के बीच बढ़ती जागरूकता का पता चलता है। यह जागरुकता एक सकारात्मक विकास है क्योंकि इस अवधि के दौरान 75% छात्रों ने अपनी मानसिक सेहत में बदलाव देखा है

2. स्कूल का प्रदर्शन और तैयारी छात्रों के तनाव और चिंता के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में उभरी

चूंकि वायरल के प्रकोप की वज़ह से रातोंरात ऑनलाइन स्कूली शिक्षा को अपनाना पड़ा, जिससे छात्रों के पास अनुकूलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, 71% छात्रों ने बताया कि इस तत्काल बदलाव और उसके बाद के महीनों ने उनके मानसिक सेहत को प्रभावित किया है। जबकि 30% छात्रों ने उल्लेख किया कि स्कूल के प्रदर्शन और तैयारी की वज़ह से उनकी चिंता में बढ़ी है, अन्य 63% ने कहा कि इंटरनेट और स्क्रीन समय के ज्यादा उपयोग के कारण शारीरिक/मानसिक तनाव हुआ। 56% उत्तरदाताओं ने आगे बताया है कि मानसिक सेहत संबंधी चिंताओं से उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर वज़न बढ़ने या घटने जैसा असर पड़ा है।

3. 2 में से 1 छात्र को अपने दोस्तों और परिवार से बात करने में राहत मिलती है

भले ही छात्रों पर कोविड-19 के गहरे प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता है, सौभाग्य से, उन्होंने अपनी मौजूदा मानसिक सेहत के मुद्दों से निपटने के कई तरीके खोजे हैं। जबकि 35% छात्र चिकित्सा चाहते हैं, 50% से अधिक मानसिक सेहत संबंधी चिंताओं के बारे में अपने दोस्तों और परिवार से बात करके सहज महसूस करते हैं। कई छात्र तनाव से निपटने के लिए कला और संगीत (45%), सोशल मीडिया (38%) और शारीरिक गतिविधि (32%) जैसे उपायों का भी उपयोग कर रहे हैं। 40% उत्तरदाताओं ने उल्लेख किया है कि टिकटॉक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी उनकी मानसिक सेहत के लिए अच्छे रहे हैं।

4. ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म छात्रों में मानसिक सेहत की समस्या को कम करते हैं

ब्रेनली जैसे ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ने छात्रों की मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसमें उन्हें अपने स्कूल के सबक को अवधारणाओं को और स्पष्ट करने और होमवर्क में मदद करने की अनुमति मिलती है। अधिकांश (63%) ने उल्लेख किया है कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म से उन्हें घर में अपनी पढ़ाई के दौरान तनाव को कम करने में मदद मिली है।
सर्वे के नतीजों पर बोलते हुए, ब्रेनली के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर राजेश बिसानी ने कहा, “कोविड-19 के प्रकोप के बाद छात्रों में मानसिक सेहत की समस्या साफ तौर पर देखने मिली है। चूंकि छात्र अपना समय घर पर बिताते हैं, अचानक मित्रों और शिक्षकों की संगति से दूर हो जाने से, यह अलगाव, सामाजिक दूरी और शिक्षा के मामले में पिछड़ने की भावनाएं सामने आना स्वाभाविक है। सौभाग्य से, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, चाहे वह सीखने के लिए हो या दोस्तों/शिक्षकों से जुड़ने के लिए, इस अवधि में छात्रों को आपस में जोड़ने और प्रेरित करने में मदद कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा छात्र इस नई जीवनशैली का सामना करने और इसे अपनाने के लिए ऑनलाइन टूल का उपयोग कर रहे हैं, और संभावना है कि ऐसा भौतिक स्कूलों के फिर से खुलने पर भी जारी रहेगा।”

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