इम्पोटर््स सब्स्टीट्यूशन के लिए स्वदेशीकरण पर सेमीनार सह कार्यशाला का आयोजन

जयपुर। देश के पहले विशुद्ध कौशल विश्वविद्यालय- भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने इम्पोर्ट्स सब्स्टीट्यूशन के लिए स्वदेशीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, आॅर्डिनेन्स फैक्ट्री बोर्ड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपयार्ड लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, इंडियन एयर फोर्स, डीजीएक्यूए, जीआरएसई, भारतीय नौसेना जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के 29 वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी कैंपस के साथ प्रीसिशन टूल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी आरएस इंडिया का दौरा भी किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बीएसडीयू के शिक्षा मॉड्यूल को प्रदर्शित करना था, जहां विद्यार्थी बीएसडीयू से कौशल शिक्षा हासिल करते हैं और फिर आरएस इंडिया जैसे उद्योगों में काम करते हुए प्रगति करते हैं।
आरएस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जयंत जोशी कहते हैं कि इस दौरान बीएसडीयू-आरएस इंडिया ने एयरोस्पेस और रक्षा सेवाओं के लिए आर एंड डी, स्वदेशीकरण और इंपोर्ट सब्स्टीट्यूशन के क्षेत्र में सहायता के लिए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जहां यह प्रोटोटाइप विनिर्माण, उपकरणों के साथ ड्रॉइंग और प्रोसेस लेआउट के साथ घटकों के निर्माण के माध्यम से पीएसयू की मदद कर सकता है। वहीं, स्विट्जरलैंड में पूर्व राजदूत स्मिता पुरुषोत्तम ने कहा कि भारत में स्वदेशीकरण का महत्व उन प्रमुख कारकों में से एक है जिनकी तरफ तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने 2016 में जीडीपी के भारतीय हिस्से को हाइलाइट करते हुए बताया कि 55 प्रतिशत सेवाएं 161 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उत्पादन कर रही हैं, जबकि विनिर्माण का हिस्सा सिर्फ 16 प्रतिशत है और यह क्षेत्र 180 अरब अमेरिकी डॉलर का उत्पादन कर रहा है। उन्होंने निष्कर्ष रूप में अपनी प्रस्तुति को समाप्त करते हुए कहा, ह्यभारत की अर्थव्यवस्था में सेवाओं को अग्रणी माना जाता है जबकि ऐसा लगता है विनिर्माण के मामले में यहां बहुत कमी है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत रक्षा एयरक्राफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और रेल उपकरणों का घरेलू मोर्चे पर ही निर्माण कर सकता है।
बीएसडीयू के प्रेसीडेंट डॉ (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला ने कहा कि इस एक दिवसीय संगोष्ठी सह कार्यशाला के रूप में हमें अग्रिम पंक्ति के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सामने भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी और आरएस इंडिया (प्रीसिशन पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट) की क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला, ताकि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को बदला जा सके।

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