नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक और सख्त फैसला लिया है। इस बार सरकारी नौकरी करने वाले बड़े अधिकारियों को सख्त संदेश दिया गया है कि अगर वे ड्यूटी में लापरवाही बरतेंगे तो सरकार उनपर रहम नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि 176 अधिकारियों को काम में कोताही बरतने को लेकर जनहित में सेवानिवृत्त किया गया है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि उपलब्ध सूचना के अनुसार वित्तीय नियम-56 (जे) के प्रावधानों और इसी तरह के दूसरे प्रावधानों के तहत समूह ए के 53 और समूह बी के 123 अधिकारियों के मामले में एक जुलाई, 2014 से 31 अक्तूबर, 2017 के बीच नियमों को अपनाया गया है।
कार्मिक मंत्रालय ने पहले कहा था कि समूह ए के 11,828 अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई है। इनमें आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के 2953 अधिकारी हैं. इसके अलावा समूह बी के 19,714 अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की गई। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि काम में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे दिया जाएगा। केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घोषणा की थी कि काम न करने और खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। यह नियम 50 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके लोकसेवकों व कार्मिकों पर लागू होगा।