कॅरिअर काउंसलिंग क्यों आवश्यक है ?

 

नई दिल्ली। कॅरिअर काउंसलिंग ;छात्र मार्गदर्शनद्ध आज के समय में बहुत उपयोगी हो गई है। 10वीं करते समय बहुत से स्टूडेंट कन्फ्यूज होते हैं। वह समझ नहीं पाते कि भविष्य में किस विषय की पढ़ाई करे। आर्ट्स विषयों से पढ़े या विज्ञान विषयों से। काॅमर्स विषय से अध्ययन करें या कोई विशेष ट्र्ेनिंग, डिग्री, डिप्लोमा करें। बहुत बार देखा गया है कि मां-बाप अपनी इच्छाओं को बच्चों पर थोपते हैं। वे बच्चों को कुछ और बनना चाहते है, जबकि बच्चे कुछ और बनना चाहते है। इन सारी चीजों को लेकर एक भारी कंफ्यूजन की स्थिति बन जाती है।
इस कंफ्यूजयन को दूर करने के लिए कॅरिअर काउंसलिंग आजकल होने लगी है जिसमंे छात्रों की रूचि और योग्यता के अनुसार काउंसलर उन्हें सही कोर्स के बारे में बताता है। यह भी बताता है कि कौन सा कोर्स किस बच्चे के लिए अच्छा होगा।

कॅरिअर काउंसलिंग का महत्व:

काउंसलिंग कराने का सबसे अच्छा फायदा है कि बच्चों के लिए कौस सी स्ट्र्ीम सही है यह पता चलता है। 10वीं, 12वीं स्नातक में सही कोर्स चुनने का मौका मिलता है। आपके बच्चे को आर्टस, साइंस या काॅमर्स से पढ़ना चाहिए इसकी जानकारी होती है। ध्यान देने वाली बात है कि बच्चों की रूचि के अनुसार ही उनकी पढाई होनी चाहिए।
सही स्ट्र्ीम का चुनाव होना बहुत आवश्यक है। बहुत से बच्चे गलत स्ट्र्ीम चुन लेते हैं जो उनकी रूचि से मेल नहीं खाती है और वह पढ़ाई में अच्छा परफारमेंस नहीं कर पाते है। इसका नतीचा होता है कि उनके कम नंबर आते है और भविष्य में उन्हंे नौकरी पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।

 

अभिभावक बच्चों की रूचि को समझ पाते हैं:

कई अभिभावक बच्चों की रूचि को नहीं समझना चाहते हैं। वे अपनी इच्छा अनुसार बच्चें को पढ़ाना चाहते है। कुछ अभिभावक तो बच्चों के जन्म पर ही सोच लेते हैं कि बच्चों को इंजीनियर, डाॅक्टर, टीचर, वैज्ञानिक बनाएंगे। यह सोच सही नहीं है। बच्चों को पढ़ने का अवसर उनकी रूचि के अनुसार मिलना चाहिए। जिस विषय में उनकी रूचि हो वहीं विषय उन्हंे दिलाने चाहिए। काउंसलिंग के दौरान काउंसलर बच्चे से अच्छी तरह पूछते हैं कि किन विषयों में उसकी रूचि है। कुछ टेस्ट करके भी यह पता लगाया जा सकता है कि किस विषय में बच्चे की रूचि है।

 

बेहतर तरह से भविष्य की तैयारी

कॅरिअर काउंसलिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि आप बच्चे के बेहतर भविष्य की तैयारी कर सकते हैं। हर अभिभावक का सपना होता है कि उसका बच्चा आगे चलकर बड़ा अफसर, अधिकारी बनें। उसे अच्छी नौकरी मिले। वह ढेर सारे पैसे कमाए और उसका जीवन खुशियों से भर जाये। पर यह सब इतना आसान नहीं है।
यदि आपका बच्चा कोई गलत कोर्स कर रहा है जो उसकी योग्यताओं से मेल नहीं खाता है तो वह आगे चलकर अच्छी नौकरी नहीं पा सकेगा। यह बुहत जरूरी है कि बच्चे को उसकी योग्यता के अनुसार पढ़ाई करवाई जाए। उदाहरण के लिए यदि बच्चे को कंप्यूटर में इंटरेस्ट है तो उसे कंप्यूटर से संबंधित कोर्स जैसे-बीटेक इन कंप्यूटर साइंस, बीसीए, एमसीए करवाया जा सकता है।

 

बहुत सारे कोर्सेज में से सही कोर्स का चुनाव करना

कॅरिअर काउंसलिंग का सबसे अच्छा फायदा यह है कि यह आपकों दुविधा और कंफ्यूजन से बचाता है। आजकल एमबीए, होटल मैनेजमेंट, बीटेक, बी.एड, डीएलएड, आईटीआई, पाॅलिटेक्निक जैसे सैकड़ों कोर्स उपलब्ध है। पर इन में से सही का चुनाव करना कठिन है। इसलिए काउंसलर की मदद ली जाती है।

 

गला काट कंपटीशन का आसानी से सामना करना

यह बात तो सब जानते होंगे कि आज देश में नौकरियां कम निकलती है परंतु आवेदन करने वाले लाखो-करोड़ो की संख्या में होते है। आजकल देश में गला काट कंपटीशन हो गया है। ऐसे में सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं होता। किसी भी छोटी नौकरी के लिए स्नातक से लेकर बी टेक जैसे उच्च शिक्षाधारी अभ्यर्थी भी आवेदन करते हैं। ऐसे मेें कंपटीशन बहुत बढ़ जाता है। यदि आपका बच्चा सही स्ट्र्ीम कोर्स का चुनाव करता है तो वह कंपटीशन आसानी से निकाल लेगा। पर यह तभी संभव है कि जब उसे उसकी रूचित के अनुसार पढ़ने का मौका मिले।

 

मार्केट ट्र्ेंड की जानकारी

काउंसलिंग का बड़ा फायदा यह भी है कि इससे मार्केट ट्र्ेंड की जानकारी मिलती है। कई स्टूडेंट ऐसे कोर्स कर लेते है जिसे करने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिलती है। स्टूडेंट इधर-उधर भटकते रहते हैं। अपने पैसे भी वो खर्च कर देते हैं उसके बावजूद भी कोई फायदा नहीं होता। काउंसलर आपके बच्चे को ऐसा कोर्स करने की सलाह देते हैं जिसे करने पर फायदा हो। वे उस कोर्स को करने से मना करते हैं जिसे करने से कोई लाभ नहीं है।

 

मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान

कॅरिअर काउंसलिंग का एक बड़ा फायदा यह है कि बच्चों और छात्रों की मनोवैज्ञानिक संबंधी समस्याओं का समाधान होता है। पढ़ाई करते वक्त बच्चे कई बार मनोवैज्ञानिक समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं। आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों से बच्चे तनाव, अवसाद और डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर लेते हैं। काउंसलिंग के दौरान बच्चों को इस तरह की समस्याओं का सामना करने की विधि बताई जाती है। उन्हें सही तरह से गाइडेंस दिया जाता है।

 

स्टूडेंट्स की सभी समस्याओं का समाधान

बहुत से बच्चे पढ़ाई करते हुए नशीले पदार्थो का सेवन, प्यार, यौन शोषण जैसी समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं। कॅरिअर काउंसलिंग के दौरान काउंसलर बच्चों से हर तरह की समस्याओं पर खुल के बात करते हैं और समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं।

 

बच्चों की छिपी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलती है

हर बच्चे के अंदर कुछ योग्यताएं होती हैं। पर कई बार वे छिपी हुई होती हैं। कॅरिअर काउंसलिंग के द्वारा बच्चे के अंदर छिपी हुई योग्याताओं को निखारने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए बहुत से बच्चे बड़े होकर प्रशासनिक अधिकारी ;सिविल सर्विसेजद्ध बनना चाहते हैं, पर शुरू में उन्हें स्पष्ट रूप से कुछ समझ नहीं आता है। काउंसलिंग के द्वारा उनकी छिपी योग्यताओं का पता चलता है।

 


डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, कॅरिअर काउन्सलर

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