समुद्र की गहराईयों में करियर


दीप्ति अंगरीश

आपको समुद्र से गहरा लगाव है? या आपको समुद्री जीवों की जानकारी जुटाना पसंद है? या समुद्र की तह को जानना आपको उत्सुक करता है, तो उसे करियर भी बना सकते हैं। हैरत में नहीं पड़ें। यह एक बेहतर करियर विक्लप भी हो सकता हैै। समद्र के अपनत्वता को मरीन बायोलाॅजिस्ट बनकर अमलीजामा पहनाएं। अमूमन हमारे समाज में खासकर हिंदी भाषी प्रदेशों में सोच यह है कि यदि बायोलाॅजी लिया और मेडिकल में एडमिशन नहीं हो पाया, तो अभिभावक सबकुछ खत्म हुआ मान लेते हैं। वास्तव में ऐसा होता नहीं है। मेडिकल में करियर नहीं बना पाए, तो क्या हुआ। इसके अलावा, भी आपके पास ढेरों ऑप्शन हैं। अगर 12वीं बायोलाॅजी से है, तो ग्रेजुएशन लेवल पर आपके पास अपने सब्जेक्ट से जुड़े आज जितने डायरेक्ट ऑप्शन हैं, उतने शायद किसी और सब्जेक्ट में हैं ही नहीं। इसलिए आप अपनी रुचि के हिसाब से उम्दा ऑप्शन चुन सकते हैं। पिछले कुछ बरसों में कुछ सब्जेक्ट उभरे हैं तो कई की पॉपुलैरिटी बढ़ी है। ऐसा ही एक बेहतर विकल्प है मरीन बायोलाॅजिस्ट बनने का।
क्या है मरीन बायोलाॅजिस्ट ?
मोटे तौर मरीन बायोलाॅजिस्ट समुद्र की तह की जानकारियां जुटाता है। लेकिन इनका कार्यक्षेत्र समुद्र की व्याप्कता खोजता है। जिसमें शुमार है समुद्रों की जिंदगी जानना, समुद्री जीवों, पौधों व माइक्रो आॅरगेन्जिम की विभिन्न प्रजातियों से परिचित होना, वहां पनपते रोगों को खोजना, समुद्री जीवों का आचरण व व्यवहार जानना, मनुष्य की किन गतिविधियों से समुद्री जिंदगी प्रभावित होती है, समुद्री जीवों की नई प्रजातियां खोजना, इन जानकारियों को साइंटिफिक जर्नल में छपवाना, टेस्टिंग समुद्री सैम्पल और समुद्री जनसंख्या की जानकारी जुटाना,। बहुतेरे मरीन बायोलाॅजिस्ट कई जाॅब डेसिगनेशन में काम करते हैं, जैसे- वाइल्ड बायोलोजिस्ट, जूलोजिस्ट, फिश और वाइल्डलाइफ बायोलोजिस्ट, फिशरीज बायोलोजिस्ट, एक्युएैटिक बायोलोजिस्ट, कंसर्वेशन बायोलोजिस्ट और बायोलोजिस्ट टेक्नीशियन। कुछ मरीन बायोलिजिस्ट मरीन बायोटेकनोलाॅजी में महारत हासिल करते हैं। इससे वे बायोटेक कंपनीज को समु्रदी जीवों की महीन जानकारियां उपलब्ध कराते हैं, जिससे वे इंडस्ट्रीयल प्राॅसेस में कारगर साबित हो सके।
कौन लोग चुन सकते हैं इसे
मरीन बायोलॉजी का क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें समुद्र के भीतर जाकर अध्ययन करने से लेकर इसके जीव जंतुओं के बारे में भी अध्ययन करना पड़ता है। भारत में अभी इस क्षेत्र में प्रगति होना आरंभ हुआ है। आज देश में कई ऐसे नौजवान हैं, जो इस रोमांचक करियर को न केवल अपना रहे हैं, बल्कि इसमें जोरदार सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं। यह क्षेत्र भारत में काफी नया है और अभी भी इस संबंध में विद्यार्थियों को ज्यादा जानकारी नहीं हैं। मरीन बायोलॉजी में समुद्र के नीचे के जीवों की जानकारी भी है। साथ ही तेल और गैस की जानकारी प्राप्त करने के लिए भी मरीन बायो-लॉजिस्ट की सेवाएँ ली जाती हैं। वर्तमान में कई विदेशी एवं देशी कंपनियाँ मरीन बायोलॉजिस्ट की सेवाएँ ले रही हैं।
योग्यता है अहम
मरीन बायोलोजिस्ट बनने के लिए कम से कम साइंस में ग्रेजुएट (स्पेशिलाइजेशन इन मरीन बायोलोजी) होना आवश्यक है। बता दें कि इस पद के लिए इंडस्ट्री में मरीन बायोलाॅजी में स्नातक डिग्री को त्वज्जो देते हैं। शोध अनुसंधान व विश्वद्यिालयों में पाठन हेतु मरीन बायोलोजी में पीएचडी की डिग्री ही मान्य है। मरीन बायोलोजी की पढ़ाई में सिटेमैटिक्स, ईकोलोजी, एनाटोमी, फिजियालोजी, बायोकेम्स्ट्रिी, पैथोलोजी, पैरिस्टोलोजी, रिप्रोडक्शन एंड डिवेलपमेंट, मारिक्लचर, ओशियन फार्मिंग, पाॅेलूशन बायोलोजी, एनर्जी रिर्सोसेज एंड कंसरवेशन शामिल हैं। विदेशों में कई मरीन बायो-लॉजिस्ट को बड़े एक्वेरियम व थीम पार्कों में नौकरियाँ दी जाती हैं। भारत में अभी इस प्रकार का विकास होना बाकी है। समुद्र किनारे के पर्यावरण की देखभाल के लिए भी विदेशों में कई होटलों में मरीन बायोलॉजिस्ट की सेवाएँ ली जाती हैं, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुँचे। भारत में इस क्षेत्र में जो काम हो रहा है वह दक्षिण के राज्यों में ज्यादा है, क्योंकि देश की समुद्री सीमा का अधिकांश हिस्सा इन्हीं राज्यों के पास है।
कुछ खास गुणों की दरकार
समुद्र की गहराइयों में समाए समुद्री जीवों की जानकारी में रुचि के अलावा मरीन बायोलोजिस्ट में कुछ खास विशेष गुण होने चाहिए, जैसे- कुशाग्र बु़िद्ध, सोचने-समझने की दूरगामी शक्ति, हर हालात में व्यवस्था करने में निपुण, कम्पयूटर में महारथ, शोध करने में इच्छुक, पूर्व आभास करने में निपुण, लिखने-बोलने में प्रांजल और टीम स्प्रिट।
यहां करें जाॅब
हालांकि मरीन बायोलोजिस्ट अधिकांश समय घर से बाहर शोध करने में गुजारते हैं। जिसमें पानी के जहाजों को ढूंढना, पानी के जीव-जंतुओं पर पैनी नजर रखना, सैम्पल इकट्टे करना भी शामिल होता है। इन्हें सरकारी और कंसर्वेशन एंजीस, इन्वायर्मेंट लैबरोटरीज, मैरीन लैबरोटरीज, वाॅटर इंडस्ट्री, कोस्टल आॅथोरेटीज, सीवुड ग्रोइंग कंपनील, फिशरीज टूरिज्म इंडस्ट्री में कार्य करने के अलावा लैब टेक्नीशियन की नौकरी यूनिर्सिटी, ओशियनोग्राफिक्स लैबरोट्री में कर सकते हैं। सरकारी नौकरी करने के अलावा मरीन बायोलाॅजिस्ट प्राइवेट सेक्टर का भी रुख अख्तियार कर सकते हैं। यही नहीं ये जू, म्यूजियम, स्कूल साइंस टीचर, यूनिवर्सिटी प्रोफेसर का पेशा अपना सकते हैं। इसके अलावा फ्रीलांस काम की सुविधा भी इसमें निहित है, जिसके अंतर्गत मरीन बायोलोजिस्ट कुछ खास समुद्री जीव-जंतुओं पर शोध करके ओशियनेरी इंडस्ट्री को बेच सकते हैं।
अच्छी है कमाई
मरीन बायोलोजिस्ट की आमदनी का स्तर कई स्थितियों पर निर्भर करता है, जैसे संस्थान की आथर््िाक स्थिति, अनुभव, एजेकुशन क्वालिफेकेशन, संस्थान की रूपरेखा (सरकारी, प्राईवेट, नाॅन गवर्मेंट एजेंसी )। पब्लिक सेक्टर में मरीन बायोलोजिस्ट शुरुआत 8000 से 12000 रुपए महीना कमा सकता है। प्र्राईवेट सेक्टर में शुरुआती आमदानी का स्तर 15000 से 20000 हजार रुपए होता है। यदि मरीन बायोलोजिस्ट के पास पीएचडी की डिग्री है, तो प्राईवेट व पब्लिक सेक्टर में आमदनी टनाटन होगी।
शैक्षणिक संस्थान
– पुडुचेरी युनिवर्सिटी, डिपार्टमेंटल आॅफ कोस्टल डिसास्टर मैनेजमेंट, पोर्ट ब्लेर
– वीर नारमड साउथ गुजरात युनिवर्सिटी
– अन्नामलाई युनिवर्सिटी, अन्नामलाई नगर
– कर्नाटक युनिवर्सिटी, धारवाद
– कोचिन युनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेकनोलोजी, डिपार्टमेंट आॅफ फिजिकल ओशियनोग्राफी, कोचि
– पुडुचेरी युनिवर्सिटी, पुडुचेरी

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