नयी दिल्ली : सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा की तारीख के एलान के बावजूद प्रश्न पत्र लीक होने से बौखलाये विद्यार्थियों का आंदोलन शनिवार को भी जारी रहा. राजधानी नयी दिल्ली समेत देश के अलग-अलग भागों में परीक्षा देने वाले बच्चों ने प्रदर्शन किया. शनिवार को बच्चों ने दिल्ली के प्रीत विहार स्थित सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसइ) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसकी वजह से आसपास की सड़कों पर जाम लग गया. बच्चे मांग कर रहे हैं कि ऐसी व्यवस्था बने, ताकि फिर कभी प्रश्न पत्र लीक न हों.
उधर, सीबीएसइ के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली ने पेपर लीक मामले से गलत तरीके से निबटने को लेकर बोर्ड पर जोरदार हमला बोला है. कहा है कि इस साल से प्रश्न पत्र का एक सेट तैयार करने के फैसले ने छात्रों और बोर्ड का भला कम और उनका नुकसान ज्यादा किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेएल गुप्ता हाल तक सीबीएसइ के साथ करीब से जुड़े हुए थे. उन्होंने भी बोर्ड के कामकाज की आलोचना की है और कहा कि प्रश्न पत्र के वैकल्पिक सेट बोर्ड को मौजूदा संकट से बचा सकते थे. दोनों को लगता है कि बोर्ड को और अधिक सक्षम होने की जरूरत है, क्योंकि ‘संतोष’ के अाभास ने इसके कामकाज को पंगु बना दिया है.
वर्ष 2008 तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे गांगुली ने कहा, ‘जब आप इस तरह की बड़ी परीक्षा का प्रबंधन करते हैं, तो आपके पास प्लान बी और प्लान सी तैयार रहना चाहिए था. पर्चों का लीक होना और दो पेपरों की पुन: परीक्षा की तारीखों के एलान में देरी बताती है कि ऐसी कोई योजना तैयार नहीं थी.’प्रोफेसर गुप्ता ने कहा कि ऐसी स्थितियों से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए सीबीएसइ को प्रश्न पत्रों के वैकल्पिक सेट तैयार करने चाहिए थे. गुप्ता ने पहले की किसी प्रवेश परीक्षा की एक घटना के बारे में बताया कि लीक की खबरें मिलने के बाद वैकल्पिक प्रश्न पत्रों ने इम्तहान को रद्द होने से बचा लिया था.
सीबीएसइ ने इस साल से सभी क्षेत्रों के लिए समग्र प्रश्न पत्र जारी किये थे. इस वजह से अगर एक क्षेत्र से पर्चा लीक होने की खबर आती है, तो यह सभी क्षेत्रों को जोखिम में डालती है.
साभार: प्रभात खबर