शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत : अरुण कुमार

नई दिल्ली। एजुकेशन थिंक टैंक सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) का चौथा हायर एजुकेशन समिट ली मेरिडियन में 18 अप्रैल 2018 को आयोजित किया गया। जिसमें आज के संदर्भ में हायर एजुकेशन में क्या कुछ करने की जरूरत है इस पर खास चर्चा हुई। ऐसे समय में जब नई शिक्षा नीति अब आने को तैयार है ऐसे में विद्वजन के वैचारिक मंकतव्य का काफी आवश्यकता है इसके लिए सीईजीआर लगातार उच्च शिक्षाविद् के विचार को पटल पर अपने विचार रखे। सीईजीआर बीते छह वर्षों में अनेक कार्यक्रम हायर एजुकेशन स्कील एवं इंटरप्रेरनिरशिप कर चुका है। विद्वजन ने कहा कि आज जरूरत खुद को बदलने की है। जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा।
सीईजीआर का चौथा हायर एजुकेश समिट को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सांसद अरुण कुमार ने कहा कि आज शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा को बेहतर बनाने में शिक्षकों को अहम भूमिका है। जिसके लिए सरकार को और प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि सीईजीआर जिस प्रकार से लगातार एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य कर रहा है यह अभूतपूर्व है। सीईजीआर शिक्षाविद् का मंतव्य लेता रहा है और फेकल्टी एवं छात्र के बीच पूल का कार्य कर रहा है। जिस प्रकार से सीईजीआर ने वीडियो बुक स्कील फॉर इफेक्टिव रिसर्च लाया है इससे छात्रों को लाभ मिलेगा ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। सीईजीआर का चौथा हायर एजुकेशन समिट को संबोधित करते हुए गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप मौजूद राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने कहा कि आज हमें अपने आप को बदलना होगा। जिसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षा को पैसा कमाने का साधन बनाया गया है जिसको खत्म करने की जरूरत है। सुषमा साहू ने कहा कि आज देश में कई तरह की विकृतियां देखने को मिल रही है इसके लिए सरकार नहीं हम दोषी हैं। इसके लिए हम सबको मिलकर आगे बढ़ना होगा। तभी इसको सुधार सकते हैं। इसके पहले अतिथियों को स्वागत करते हुए सीईजीआर के प्रेसिडेंट व वाइस चासंलर हिमालयन ग्रेवाल यूनिवर्सिटी एनके सिन्हा ने कहा कि आज यूजीसी जैसी संस्था और बनाने की जरूरत है। आज जिस प्रकार से सीईजीआर लगातार कार्य कर रहा है तय है कि आने वाले दिनों में इसका शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को मिल रहा है। चौथे हायर एजुकेशन समिट को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष साजिया इल्मी ने कहा कि आज शिक्षा को नीचे के स्तर पर पहुंचाना आवश्यक है जिसके लिए हमसबको मिलकर कार्य करना होगा न कि सरकार को दोषी ठहराकर कुछ किया जाए। आज जब गांव में जाते हैं और वहां शिक्षा के स्तर को देखते हैं तो दुख होता है। हमें इसे बदलने की जरूरत है। सीईजीआर शिक्षा जगत में बदलाव के लिए यह भार अपने कंधों पर लिया है हमें पूरा विश्वास है कि यह बदलाव आएगा। आज देश में ऐसे सम्मेलनों की जरूरत है जिसके लिए सीईजीआर आगे आया है।
इस मौके पर एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी प्रो. एपी मित्तल, एआईसीटीई के डायरेक्टर व इमेडियेट पास्ट प्रेसिडेंट सीईजीआर मनप्रीत सिंह मन्ना, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी स्कील कॉउन्सिल के सीओओ डॉ सोनाली सिन्हा, के आर मंगलम यूनिवर्सिटी के चांसलर व मेंटर सीईजीआर प्रो. केके अग्रवाल, शोभित यूनिवर्सिटी के चासंलर कुंवर शेखर विजेंद्र, एकेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर अनंत सोनी, महर्षि अरविंद यूनिवर्सिटी के चासंलर संजय परासर, जीएलए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर व सीईजीआर के मेंटर प्रो. डीएस चौहान,एनडीआईएम के चेयरमैन व सीईजीआर के सीनियर वाइस चेयरमैन वीएम बंसल, संस्कृति यूनिवर्सिटी के वाइस चासंलर व सीनियर वाइस प्रेसिडेट सीईजीआर प्रो. देवेंद्र पाठक, महर्षि मारकेंदेश्वर यूनिवर्सिटी अंबाला के वाइस चासंलर प्रो. विक्टर गंभीर, झारखंड राय यूनिवर्सिटी रांची के वाइस चांसलर डॉ सविता सेंगर सहित कई अन्य विद्वजन ने संबोधित किया। इस खास आयोजन में देश भर के करीब 300 सीनियर एकेडमिट लीडर, एकेडमिशियन, कॉरपोरेट और व्यूरोक्रेट ने भाग लिया। जो देश के विभिन्न भागों से आए थे। इस खास मौके पर शिक्षण संस्थानों को विशेष अवार्ड से भी नवाजा गया। जो अपने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
चौथे हायर समिट के मौके पर मीडिया में वोकेसनल एजुकेशन के उत्तरोत्तर विकास के लिए सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) के डायरेक्टर रविश रोशन और मीडिया एंड इंटरटेनमेंट सेक्टर स्कील कौसिंल सीओओ मोहित सोनी ने एमओयू हस्ताक्षर किए।
गौरतलब है कि देश में सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) ने जिस प्रकार से थिंक टैंक के रूप में आगे आया है इससे संस्थाओं को तो लाभ मिल ही रहा है साथ ही सरकार भी सीधे तौर पर एक जगह पर अपनी बात को रख पा रही है।

 

 

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