विकास योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन में केन्द्र सरकार करे सहयोग : नीतीश

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बीच केन्द्रीय मंत्री के आवास 2, मोतीलाल नेहरू प्लेस, नई दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में बिहार राज्य में सड़क परिवहन तथा राजमार्ग के विभिन्न परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई तथा अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि जनहित के कार्यों के प्रति बिहार सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में विकास योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन में केन्द्र सरकार से सहयोग करने का अनुरोध किया।  बैठक में भारत सरकार के स्तर पर विचारणीय नीतिमूलक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में एप्वायंटेड डेट इस आधार पर नहीं दिया जा रहा है कि कुल आवश्यक भूमि का 90ः भूमि कब्जे में नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे सघन आबादी वाले राज्य में 90ः भूमि की उपलब्धता की शर्त अव्यावहारिक है। यह परियोजना के कार्यान्वयन में विलम्ब का महत्वपूर्ण कारण है। मुख्यमंत्री कहा कि एप्वायंटेड डेट के निर्धारण के लिए बिहार राज्य की सभी परियोजनाओं हेतु 90ः की सीमा को घटाकर 70ः किया जाए ताकि परियोजनाओं में ससमय कार्य आरम्भ हो सके। उन्होंने कहा कि इस सीमा तक सामान्यतः पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, जिस पर एजेंसी द्वारा अगले कुछ महीनों तक कार्य किया जा सकता है। इस अवधि में शेष भूमि को अधिगृहित करके उपलब्ध करा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने स्वीकार करते हुए कहा कि बिहार राज्य की सभी परियोजनाओं को ससमय पूरा करने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।  इस बैठक में बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भारत सरकार द्वारा संदर्भित नीति मूलक मामलों पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाईयों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों पर राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि भू-अर्जन में प्रशासनिक व्यय की राशि 20 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत अधिसूचित की जा चुकी है। इलेक्ट्रिकल यूटिलिटि शिफ्टिंग में सुपरविजन कन्सलटेन्सी शुल्क को 15% से घटाकर 2.5% अधिसूचित किया जा चुका है। परियोजना लागत पर 2% सिनरेजेज चार्ज की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में निर्माण सामग्रियों यथा-पत्थर, बालू आदि की उपलब्धता सुगम है।

बैठक में एनएचएआई को हस्तांतरित पथों के रख-रखाव, भू-अर्जन, सावधिक नवीनीकरण, प्रधानमंत्री पैकेज इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज में समावेशित पथों के डीपीआर एवं निर्माण की शीघ्र स्वीकृति आवश्यक है। महात्मा गाँधी सेतु के समानान्तर 4-लेन के नये पुल निर्माण की स्वीकृति पीआईबी द्वारा प्रदान की गई है। इसके निर्माण  हेतु भूमि उपलब्ध है। बिहार सरकार ने भारत सरकार से कैबिनेट से इसकी शीघ्र स्वीकृति पाप्त कर निविदा आमंत्रित करने की कार्रवाई करने का अनुरोध किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पुलों के काम को प्राथमिकता से आगे बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन भावनाओं का आदर करते हुए बिहार में विकास के लिए हम लोग प्रतिबद्ध हैं। भू-अर्जन की प्रक्रिया का मुख्य सचिव के स्तर पर एवं उनके स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है। कानूनी मामलों को सुलझाया जा रहा है। बिहार सरकार विकास परियोजनाओं के ससमय एवं गुणवŸाापूर्ण क्रियान्वयन के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस बैठक में बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वाई.एस मलिक, बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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