नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के मंत्री नन्द किशोर चौधरी ने कहा कि प्रकृति और लोक को समझना है, तो छठ महापर्व से बेहतर कुछ नहीं है। हर व्यक्ति की भागीदारी और पर्यावरण संरक्षण का संदेश अखिल विश्व में प्रसारित करती है छठ महापर्व। उन्होंने कहा कि प्रकृति व पर्यावरण का मर्म समझाता यह पर्व साफ-साफ संदेश देता है कि आइए प्रकृति से जुड़ें और पर्यावरण को बचाएं। तन-मन व स्वस्थ धार्मिक महत्व के साथ यह प्रकृति व पर्यावरण से एकसाथ जोड़ती है।
छह दिवसीय छठ पूजा में हरेक चीज प्रकृति से जोड़ती है तभी तो लोक आस्था का महापर्व कहा गया है। बरसात के बाद घर से लेकर छठ घाट तक की साफ-सफाई को लेकर की गई सामूहिक प्रयास प्रकृति के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। पानी में खड़े होकर अर्घ्य देना व सुबह-सुबह सूर्य कि किरणों का शरीर पर पड़ना भी हमें प्रकृति से जोड़ता है। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला बांस के बने डाला में हल्दी, अदरख, मूली, बैगन, सूथनी, ईख, नारियल आदि चीजें यानि कंद-मूल में संदेश छिपा है कि यह सब चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
आज बुराडी के छठ घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाने के बाद नंद किशोर चौधरी अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने बताया कि बुराडी विधानसभा के सैकडों युवा उनके साथ स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। बता दें कि यमुना के घाटों के किनारे कई त्योहार में मूर्ति विसर्जन आदि से काफी गंदगी हो गई है। आज स्वच्छता अभियान में उन मूर्तियों को बाहर निकाला गया। ताकि किसी छठ व्रती को चोट आदि नहीं लगे।