कंप्यूटर गेम की पोल-पट्टी

 

बच्चो, आप जो कंप्यूटर में गेम खेलते हो, उसके बारे में आपको कुछ पता है? जानती थी मेरे गोलू को कंप्यूटर गेम के इतिहास के बारे में पूछना बेकार है। गोलू तो बस मिनी-मिकी के गेम खेलना जानता है कंप्यूटर पर। तुम्हें स्मार्ट बनाना है। इसलिए तो तुमसे कंप्यूटर गेम की पोल-पट्टी खोल रही हूं। आखिर मेरे गोलू को सब आना चाहिए।

पोल-पट्टी सन 1961 की है। तब तो मेरा गोलू पैदा भी नहीं हुआ था। कंप्यूटर प्रोग्रमरों ने सोचा कि कंप्यूटर पर काम करते-करते आदमी थक जाता है इसलिए बीच में थोड़ा सा आराम देने के लिए कुछ खेल तैयार किए जाए। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शोध के दौरान ए.एस.डगलस ने पहला ‘टीक टैक टो’ नामक कंप्यूटर खेल तैयार किया। इस बड़े ही रोचक तरीके से कंप्यूटर पर खेला जाता था। लेकिन यह खेल कठिन था। इसमें कंप्यूटर खेल की भाषा नहीं समझ सकता था। इसलिए उसे खेलने में कठिनाई होती थी। उस समय कंप्यूटर का उपयोग कुछ ही कामों के लिए किया जाता था। कंप्यूटर काफी महंगे भी थे। इसलिए लोगों को यह भय रहता था कि खेल के कारण कहीं कंप्यूटर खराब न हो जाएं।

उसी समय कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार करने वाले प्रोग्रामर स्टीव रसेल ने ‘स्पेस बार’ खेल तैयार किया। इस खेल में दो आदमी अंतरिक्ष में उड़ते थे और वे दोनों एक दूसरे को मारने के लिए शूट करते थे। लेकिन यह केवल शूट भर ही था उससे आदमी नहीं मरते थे। यह एक प्रकार से मनोरंजन का साधन था। बाद में स्टीव रसेल ने ‘स्पेस बार’ खेल को और विस्तार दिया और इस खेल का नाम रखा गया ‘आरकेड’ इस खेल में भी दो आदमी एक दूसरे पर प्रहार करते थे। लेकिन गोली किसी को नहीं लगती अगर गोली लगती तो प्वाइंट मिलता था।

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