कंडोम है “ऑलवेज इन फैशन”

पूरी दुनिया के 39 देशों में होने वाले 50 से अधिक “ऑलवेज इन फैशन ” कार्यक्रम एचआइवी/एसटीडी की रोकथाम, सुरक्षित सेक्स और कंडोम के उपयोग पर केंद्रित होंगे।

नई दिल्ली। एएचएफ (एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन) जो दुनिया का सबसे बड़ा एड्स संगठन है और 39 देशों में संचालित है, ने वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले 13 फरवरी 2018 को “ऑलवेज इन फैशन” थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय कंडोम दिवस (आईसीडी) के 10वें संस्करण का आयोजन किया। इसके पीछे विचार लगातार कंडोम के उपयोग के जरिये एचआईवी, एसटीआई और अनचाहे गर्भ की रोकथाम के प्रति जागरूकता पैदा करना है। आईसीडी सुरक्षति सेक्स जागरूकता को एक मजेदार और रचनात्ममक ढंग से बढ़ावा देता है और लोगों को कंडोम का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। पूरी दुनिया में 3.67 करोड़ लोग एचआईवी और यौनरूप से संक्रामित संक्रमण से ग्रसित हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करना पहले की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। हमारे समय में कंडोम मैसेजिंग महत्वपूर्ण है क्योंकि फैशन के साथ-साथ हमारे समाज में यौन इच्छा भी हमेशा-बदलते ट्रेंड की तरह है। पारंपरिक यौन गतिविधियों से आगे बढ़ते हुए हम चेमसेक्स और बिना सुरक्षा वाले युग में हैं, जो भारत के ग्रामीण समुदायों में भी एक फैशन स्टेटमेंट बन रहा है।
“ऑलवेज इन फैशन” थीम बताती है कि “फैशन आता और जाता है लेकिन कंडोम हमेशा रहता है” और ये हमारे समाज में कंडोम के निरंतर प्रचार की आवश्यकता को दर्शाता है। “ऑलवेज इन फैशन” थीम को कंडोम के साथ “लाल लिपस्टिक”, ”लाल बूट” और ”एविएटर-सन ग्लास” के कटआउट के रूप में सेल्फी बूथ पर प्रदर्शित किया गया था ताकि ये युवाओं को इसके साथ सेल्फी लेने और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए आकर्षित करें। इस साल की थीम के साथ, आज एक सार्वजनिक कार्यक्रम सेंट्रल पार्क, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। एक 40 फीट का हवा भरा हुआ कंडोम सेंट्रल पार्क में लगाया गया था और कंडोम का उपयोग करने के संदेश के साथ लोगों ने इसपर अपने हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में एक एचआईवी परीक्षण कैम्प के अलावा अभियान को समर्थन करने के लिए छात्रों द्वारा बैंड प्रस्तु्ति, फ्लैश मॉब, फ्लैश रैम्प वॉक का भी आयोजन किया गया। एशियन स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज के फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट के फैशन डिजाइनर्स छात्रों द्वारा कंडोम से बनाए गए वस्त्रों, डिजाइन एवं एसेसरीज का प्रदर्शन किया गया। चुनी गई सबसे बेहतरीन डिजाइन को पुरस्कार प्रदान किया गया और उसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए “कंडोम फैशन गैलरी” में रखा गया।
इस अवसर पर संसद सदस्य ऑस्कर फर्नांडेस ने कहा कि लोगों, विशेषकर युवा पीढ़ी के बीच कंडोम के प्रति जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। हमें उन्हें यह बताने की जरूरत है कि कंडोम का सही और हमेशा इस्तेमाल एचआईवी और एसटीआई को रोकने का सुरक्षित और सबसे प्रभावी रास्ता है। कंडोम और उसके उपयोग से जुड़ें यहां कई मिथक हैं, इसलिए, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सही जानकारी उपलब्ध कराएं और पूरे देश में कंडोम की उपलब्धता को सुनिश्चित करें। मैं एचआईवी की रोकथाम और देखभाल में सरकार के प्रयासों के साथ एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कामों की सराहना करता हूं।”
कार्यक्रम के दौरान, पूरी दुनिया में आयोजित आईसीडी कार्यक्रम में उत्साह बढ़ाने के लिए एएचएफ ने अपने 2018 अंतरराष्ट्रीय कंडोम दिवस थीम गाने को भी पेश किया। ‘ऑलवेज इन फैशन (गाना)’ एड शीरन के नवीनतम हिट “शेप ऑफ यू” का पैरोडी (गीत) है। डा. वी सैम प्रसाद, कंट्री प्रोग्राम डायरेक्टर, एएचएफ इंडिया, ने कहा, “आज भी भारत में कंडोम पर कलंक बहुत अधिक हंै, अक्सर इसके लिए सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को दोष दिया जाता है और मिथक यह है कि – “कंडोम की लोकप्रियता से आम जनता के बीच संकीर्णता बढ़ती है”। लेकिन सच्चाई यह है कि कंडोम पर चर्चा और मास मीडिया जागरूकता अभियान लोगों के बीच खतरे के प्रति संवेदना को बढ़ाते हैं और इस बात पर महत्व देते हैं कि एसटीआई, एचआईवी और अनचाहे गर्भ की रोकथाम के लिए कंडोम बेहतर सुरक्षा उपकरण है। एक बड़े समाज के रूप में हम सब पर यह जिम्मेदारी है कि सब मिलकर भविष्य की पीढ़ी/आज के युवाओं को सुरक्षित करें और यह सुनिश्चित करें कि हमारे पास देश को चलाने के लिए एक स्वस्थ और उत्पादक जनसंख्या हो। कंडोम हमारे हेल्थ सिस्टम का एक अभिन्नव हिस्सा है और इसे इसी रूप में बनाए रखने की आवश्याकता है।” उन्होंने आगे कहा कि, “इस साल का आईसीडी नीति निर्माताओं के लिए भारत की जनसंख्या के बीच कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मजबूत रणनीति बनाने के लिए एक स्पष्ट कॉल है।”
टेरी फोर्ड, एएचएफ प्रमुख, ग्लोबल पॉलिसी, एडवोकेसी और मार्केटिंग, ने कहा, “सरकारों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कोष में कमी करने के जरिये कंडोम पर हमला किया जा रहा है।”उन्होंने कहा कि, ”यह दुनियाभर में और अधिक संक्रमण को फैलाने का कारण बनेगा- लेकिन शुक्र है कि अंतरराष्ट्रीय कंडोम दिवस यह संदेश देने का सबसे अच्छा रास्ता है कि अपने आप को और अपने साथी को सुरक्षित रखने का कंडोम एक मजेदार और फैशनेबल जरिया है और यह इस बात को भी मजबूत करता है कि कंडोम मुफ्त में उन सभी के लिए उपलब्ध होना चाहिए, जिनको इसकी जरूरत है।”

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