उदयभान राजभर
गुजरात विधानसभा में ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर गुजरात कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दिया था जिसको सप्रीम कोर्ट ने ये कहकर खारिज कर दिया कि मतगणना में हम कोई दखल नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम जब तक कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते जब तक निर्वाचन आयोग पर्ची को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र तक सीमति करने का निर्णय मनमाना, गैरकानूनी या पक्षपातपूर्ण साबित नहीं हो जाए। दरअसल गुजरात कांग्रेस ने विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 25 प्रतिशत वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान कराने की मांग कर रही है।
जैसा कि पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मणिपुर और गोवा में भाजपा थोड़े अंतर से पीछे रह गई थी लेकिन जोड़तोड़ कर वहां अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गयी थी। कांग्रेस अपनी थोड़ी सी लापरवाही से वहां सरकार बनाने में चूक गई थी। एक सर्वे के मुताबिक गुजरात में भाजपा और कांग्रेस में बराबरी का मुकाबला बजाया जा रहा है है और हो सके तो परिणाम टाई भी हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस को फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा। अगर गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम सर्वे के अनुरूप आता है तो कांग्रेस को चाहिए कि भाजपा पर पैनी नजर बनाये रखे वरना मणिपुर और गोवा जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति हो सकती है। कांग्रेस सचेत नहीं हुई तो हो सकता है कि बड़ी गड़बड हो जाए।
दरअसल शुक्रवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ की टिप्पणी सहित अन्य कई मुद्दों पर विपक्ष ने हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक तीन बार स्थिगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माफी मांगने की मांग कर रहे थे।