करप्शन रोकने के लिए कार्य में तेजी ला सरकार

एनसीआरबी की रिपोर्ट सरकार को और अधिक कड़े कदम उठाने का संदेश दे रही है। वह बता रही है कि सरकार की स्वच्छ छवि के बावजूद जनता भ्रष्टाचार की गिरफ्त में बुरी तरह से फंसी हुई है। जरूरत है कि सरकार बेहतर तैयारी कर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करे।

अजय कुमार कर्ण

रांची। राज्य में आए दिन भ्रष्ट कर्मी निगरानी के हत्थे चढ़ रहे हैं। शर्म से चेहरा छिपाते जेल जा रहे हैं। इसके बावजूद भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ गए हैं। यह वृद्धि 36 फीसदी से भी अधिक है। इससे यह पता चलता है कि सरकार की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। भ्रष्ट अधिकारियों को निगरानी, सरकार या दंड का भय नहीं है। कुछ ही दिन पहले एक अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े जाने पर अन्य अधिकारी सामूहिक हड़ताल पर चले गए थे। अब एनसीआरबी की रिपोर्ट ने राज्य में भ्रष्टाचार की भयावहता को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट का विश्लेषण यह भी बताता है कि भ्रष्टाचार ने हर विभाग को अपने चपेट में ले लिया था। भ्रष्टाचार किसी भी राज्य को कई स्तर पर कमजोर करता है। इसके कारण कामकाज में देर होती है। इसका असर उत्पादन से लेकर अन्य परिणामों पर पड़ता है। योग्य लोग नजरअंदाज कर दिये जाते हैं और अयोग्य लोगों के हाथों में कमान आ जाता है। भ्रष्टाचार के कारण यहां की प्राकृतिक संपदा की लूट होने के आरोप भी लगते रहते हैं। विभागीय अधिकारी मोटी रकम खाकर गलत ढंग से ठेके दे रहे हैं तो कहीं बिना काम हुए ही ठेकेदारों का भुगतान हो जा रहा है। सरकार के प्रति नकारात्मक सोच तो बनती ही है, साथ ही आम लोग मानसिक तौर पर कुंठित भी होने लगते हैं।
रघुवर सरकार से इस मामले में खास कार्रवाई की उम्मीद सभी को है। ऐसा इसलिए कि अब तक सरकार पर किसी तरह के घोटाले का आरोप नहीं लगा है। परंतु, भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी सरकार के चमकते चेहरे को धुंधला बनाने में जुटे हैं। आम जनता को सरकार से नहीं, अधिकारियों और कर्मचारियों से रोज काम करवाना होता है। जब हर कदम पर जनता को भ्रष्ट कर्मियों से सामना होता है, तब जनता के मन में सरकार के प्रति नकारात्मक सोच बनने लगती है। इसके लिए जरूरी है कि मंत्री और विधायक सिर्फ अपने स्तर पर ही पाक-साफ नहीं रहें, बल्कि सरकारी दफ्तरों को भी स्वच्छ बनाने की कोशिश करें, जहां आम जनता को रोज जूझना पड़ता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट सरकार को और अधिक कड़े कदम उठाने का संदेश दे रही है। वह बता रही है कि सरकार की स्वच्छ छवि के बावजूद जनता भ्रष्टाचार की गिरफ्त में बुरी तरह से फंसी हुई है। जरूरत है कि सरकार बेहतर तैयारी कर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करे। गुनाहगारों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई से दूसरे भ्रष्टों में भय पैदा हो।

 

 

 

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