‘कुछ दूर तो चलकर देखो’अभिरंग का सांस्कृतिक भ्रमण

नई दिल्ली। फाउंडेशन फ़ॉर क्रिएटिविटी एंड कम्युनिकेशन के सहयोग से हिन्दू कालेज की नाट्य संस्था अभिरंग ने सांस्कृतिक भ्रमण का आयोजन किया। सोमवार को हुई इस यात्रा का शीर्षक ‘कुछ दूर तो चलकर देखो’ था। जाने माने नाटककार और यात्रा आख्यानकार असग़र वजाहत के निर्देशन में युवा कलाकारों को ग़ालिब की हवेली, जामा मस्जिद और गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के दर्शन किये। असग़र वजाहत ने जामा मस्जिद के प्रांगण में मध्यकाल के अनेक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सभ्यता और संस्कृति सभी समुदायों, सभी लोगों को साथ लेकर चलने से बनती है। उन्होंने सूफी संत सरमद, मौलाना आज़ाद और जामा मस्जिद से जुड़ी किंवदंतियां बताईं। जामा मस्जिद से चावड़ी बाज़ार होते हुए गली कासिमजान जाते हुए प्रो वजाहत ने 1857 की क्रांति और मराठों के दिल्ली शासन से से जुड़े अनेक प्रसंग भी सुनाए।

गालिब की शायरी के महत्त्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि वे भारत के पहले आधुनिक लेखक हैं जो मनुष्य जीवन को अत्यधिक सम्मान देते हैं। प्रो वजाहत ने गुरु तेगबहादुर की शहादत और गुरुद्वारे के ऐतिहासिकता के कुछ प्रसंग भी बताए। इससे पहले अभिरंग के परामर्शदाता डॉ पल्लव ने विद्यार्थियों को पर्यटन और सांस्कृतिक-समाजिक पर्यटन का भेद बताते हुए कहा कि असग़र वजाहत हमारी संस्कृति के उन दुर्लभ लेखकों में से हैं जो साहित्य को सामाजिकता से अभिन्न मानते हैं। इस सांस्कृतिक भ्रमण में हिन्दू कालेज के युवा रंगकर्मियों की अनेक जिज्ञासाओं के उत्तर भी प्रो वजाहत ने दिया। अंत में अभिरंग के संयोजक विनीत कांडपाल ने सभी का आभार प्रदर्शित किया।

 

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