डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने आगे बताया कि, “साइबरनाइफ रेडिएशन सर्जरी एवीएम में होने वाली ब्लीडिंग के लंबे समय के जोखिम को कम करती है। एवीएम को पूरी तरह से खत्म करने के लिए रेडिएशन की हाई डोज का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में कंप्यूटर एसिस्टेड रोबोटिक सिस्टम और नई इमेजिंग तकनीक के उपयोग से रेडिएशन की तेज किरणों को हर दिशा से वास्तविक साइट तक भेजा जाता है। दूसरा फायदा यह है कि मिसाइल जैसा काम करने वाली यह तकनीक मरीज के शरीर में किसी भी तरह की हलचल का पता लगा सकती है, जिससे रेडिएशन बीम शरीर के उस हिस्से तक पहुंच पाती है जहां इलाज की जरूरत होती है।
इस प्रक्रिया के दौरान, एक रोबोटिक हाथ धीरे-धीरे मरीज के आसपास घूमता है लेकिन मरीज को कुछ महसूस नहीं होता है। मरीज ऐसा महसूस करता है जैसे वह अपने घर पर गानों का आनंद लेते हुए आराम कर रहा हो।”इस पूरी प्रक्रिया में मरीज को जरा भी दर्द नहीं होता है और यह 100 प्रतिशत सुरक्षित भी है, जिसमें किसी खतरे का कोई जोखिम नहीं होता। 99 प्रतिशत मामलों में रोगी पहले इलाज में ही ठीक हो जाता है और जीवन को फिर से सामान्य रूप से शुरू कर सकता है।