नई दिल्ली। आयुर्वेद कम्पनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने आज तेज़पुर स्थित छापागुडी सरकारी कनिष्ट बुनियादी स्कूल को गोद लेकर इसके आधारभूत ढांचे के पूरी तरह से सुधार के साथ तेज़पुर में अपनी सामुदायिक विकास पहल को बढ़ाने की घोषणा की। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए डाबर ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत आज छापागुडी सरकारी स्कूल में सीखने के माहौल में सुधार के इरादे से छात्रों के लिए डेस्क-बेंच और शिक्षकों के लिए टेबल वितरित किया। स्कूल में आयोजित समारोह में डाबर ने 12 डेस्क-बेंच और 2 शिक्षक टेबल वितरित किये। इस स्कूल के बुनियादी ढाँचे का कायाकल्प भी किया गया जाएगा जिसमें लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए नई स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण शामिल है। यह विकास कार्य डाबर की सीएसआर आर्म जीवन्ति वेलफेयर व चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए, डाबर इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष-एच आर श्री पार्थो गांगुली ने कहा, “शिक्षा का महत्व हर व्यक्ति के लिए निर्विवाद है। डाबर में, हम मानते हैं कि शिक्षा एक बेहतर जीवन और समाज के समग्र विकास को सुनिश्चित करने की कुंजी है। नामांकन स्तर में सुधार और ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी विद्यालयों में स्कूल छोड़ने की दर को कम करने के लिए डाबर ने स्कूलों में बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और ग्रामीण भारत के बच्चों के लिए सीखने के अनुभव में सुधार लाने की जिम्मेदारी ले रखी है। यह सुधार इस बड़ी पहल का हिस्सा है।”
डाबर इंडिया लिमिटेड के सीएसआर हेड ए. सुधाकर ने कहा, “शिक्षा-संबंधित परियोजनाओं को कवर करने के लिए हमने असम में हमारे सामुदायिक विकास पहल का दायरा बढ़ा दिया है। विद्यालय के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद और उनके विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही स्कूल सुधार का कार्य हाथ में लिया गया था। हमारा उद्देश्य क्षेत्र के लिए इस स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना और सहयोग करना है।”
स्कूल की इमारत और कक्षाओं को पूरी तरह से पुर्नोत्थान किया गया है और लर्निंग एड (बाला) कार्यक्रम के रूप में स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा से संबंधित संदेशों को स्कूल की दीवारों पर चित्रित किया गया है। बुनियादी शिक्षा तक पहुंच किसी भी बच्चे का सबसे मौलिक अधिकार है लेकिन स्कूलों में स्वस्थ सीखने का वातावरण होना और बुनियादी और स्वच्छ सुविधाओं तक पहुँच होना भी इतना ही महत्वपूर्ण है। आगे बढ़ते हुए, डाबर ने ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की आजीविका में सुधार लाने के उद्देश्य से कई विकास पहलों को शुरू करने की योजना बनाई है।