नई दिल्ली। असम में स्थानीय समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, भारत के सबसे बड़े विज्ञान आधारित आयुर्वेद विशेषज्ञ डाबर इंडिया लिमिटेड ने तेजपुर में दो नए सरकारी स्कूलों – ज्योति सोवोरानी लोअर प्राइमरी स्कूल और बिनापानी लोअर प्राइमरी स्कूल – को गोद लेने के साथ-साथ अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) ड्राइव के विस्तार की घोषणा की । डाबर ने इस साल इन दोनों स्कूलों में समग्र बुनियादी सुविधाओं में सुधार करने का वादा किया है।
पहले कदम के रूप में, कंपनी ने इन विद्यालयों में छात्रों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अपने स्कूल सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत दो स्कूलों में डेस्क-बैंच और टीचर टेबल्स के नए सेट का वितरण किया। इन स्कूलों में आयोजित एक विशेष आयोजन में डाबर ने ज्योति सोवोरानी लोअर प्राइमरी स्कूल, निकमुल, तेज़पुर को डेस्क-बैंच के 18 सेट और बिनापानी लोअर प्राइमरी स्कूल, हसारा नेपाली बस्ती को डेस्क-बेंच के 30 सेट और टीचर टेबल्स के 3 सेट का वितरण किया ।
इस अवसर पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान के माध्यम से छात्रों के बीच पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। दोनों स्कूलों में विकास कार्य डाबर के सीएसआर विभाग जीवन्ती वेलफेअर और चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से किया जा रहा है। इस अवसर पर बोलते हुए, डाबर इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष-एचआर और आईआर श्री पार्थो गांगुली ने कहा: “डाबर में, सामुदायिक विकास केवल औपचारिकता नहीं है, यह हमारे डीएनए का हिस्सा है। शिक्षा का संवर्धन हमारे सीएसआर रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ है । हम मानते हैं कि शिक्षा एक बेहतर जीवन का साधन हैं और समाज के समग्र विकास को सुनिश्चित करने की कुंजी है। नामांकन स्तर में सुधार और ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी विद्यालयों में स्कूल छोड़ने की दर को कम करने के एक प्रयास स्वरूप, डाबर ने तेज़पुर के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं और बच्चों के सीखने के अनुभव में सुधार की जिम्मेदारी ली है। आगे, डाबर स्कूल की बुनियादी सुविधाओं का पूरी तरह से सुधार करने की योजना बना रहा है, जिसमें कक्षाओं में सुधार और इन स्कूलों में स्वच्छता सुविधाओं में सुधार शामिल है। इससे पहले, डाबर ने धेकीडोल एलपी स्कूल में एक बड़ा सुधार किया था, जिसमें कक्षाओं और भवन का उन्नयन, एक पक्की चारदीवारी के निर्माण के अलावा छात्रों के लिए स्वच्छता सुविधाओं में सुधार शामिल था। इसके अलावा, डाबर ने छापागुरी सरकारी जूनियर बेसिक स्कूल को भी अपनाया है।
स्कूल सहायता कार्यक्रम स्कूल अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। डाबर इंडिया लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री ए सुधाकर ने कहा कि, “प्रत्येक स्कूल की आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए स्कूल प्रशासन और स्थानीय सामुदायिक सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, हमने अपने विकास गतिविधियों को शुरू किया है। हमारा इरादा इन्हें क्षेत्र के मॉडल स्कूलों के रूप में विकसित करना और संचालित करना है।”