केजरीवाल के घर पर दिल्ली के मुख्य सचिव से बदसलूकी

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर शाम की बैठक में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से बदसलूकी हुई. अंशु प्रकाश ने शारीरिक उत्पीड़न ( धक्कामुक्की) का आरोप लगाया तो दिल्ली सरकार इस मामले में अपना पक्ष रख रही है. कांग्रेस- भाजपा समेत दूसरी पार्टियां इस घटना की निंदा कर रही है. अब इस मामले में केंद्र सरकार ने दखल देते हुए पूरी रिपोर्ट मांगी है. इस घटना के बाद अधिकारी हड़ताल पर चले गये. अधिकारियों ने मांग की है कि जबतक आरोपी विधायक पर कार्रवाई नहीं की जाती तबतक हम हड़ताल पर रहेंगे दफ्तर जायेंगे लेकिन काम नहीं करेंगे.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी की घटना से दुखी हूं. अधिकारियों को अपना काम पूरी ईमानदारी से और निडरता से करने की आजादी होनी चाहिए. गृहमंत्रालय ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट उपराज्यपाल से मांगी है. न्याया होगा . अधिकारियों के दल ने मुझसे मुलाकात की और इस मामले में कार्रवाई की अपील की है
अगर मुख्य सचिव पर इस तरह हमले हो सकते हैं, तो आम अधिकारियों का क्या होगा ?. मुख्य सचिव उपराज्यपाल से मिले और सारी बात बतायी. दूसरी तरफ आइएएस एसोसिएशन भी हड़ताल के बाद आगे की रणनीति पर बैठक कर रहा है. भाजपा ने इस मामले में आम आदमी पार्टी की आलोचना की है.एसोसिएशन अरविंद केजरीवाल और दो विधायकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग पर अड़ा है. आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा, जो भी अफसर कल इस बैठक में शामिल हुए थे वह जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुन रहे थे. हमने अपनी बात रखने की कोशिश की है. हम पर लगाये जा रहे आरोप बेकार हैं और उपराज्यपाल के इशारे पर आरोप लगाये जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी आधार और कार्ड और राशन को लेकर शिकायत कर रही है. लगभग 2.50 लाख लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. इस मा्मले में विधायकों के सवाल पर मुख्य सचिव ने जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, मैं आपके प्रति नहीं उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हूं. विधायक जनता के लिए चिंतित हैं और मुख्य सचिव के पास जवाब नहीं है. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इन आरोपों पर कहा है कि अब दिल्ली में चुनाव हो सकते हैं, तो इन्हें जनता की तकलीफ नजर आ रही है.
वहीं, सौरभ भारद्वाज ने भी ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है.किसी पर भी आरोप लगाना और बदसलूकी करना इनकी आदत है. ये कहते हैं कि हम लोग चुने हुए प्रतिनिधि हैं. नगर निगम चुनाव में भी लोग चुन कर आते हैं. सबको काम करने का अधिकार है इस तरह की बदसलूकी स्वीकार नहीं की जा सकती. यह घटना निंदा करने के लायक है.

 

 

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