भीख मांगना अपराध कैसे? : दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली। एक अहम टिप्पणी में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर सरकार लोगों को नौकरी और खाना नहीं दे सकती तो उनका भीख मांगना अपराध नहीं है. शीर्ष अदालत ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. इन याचिकाओं में भीख मांगने को अपराध के दायरे से बाहर करने की अपील की गई थी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच ने कहा, ‘अगर कोई हमें एक करोड़ रुपए दे दे तो क्या तब आप या हम भीख मांगेंगे?’ अदालत ने कहा कि कोई भी अपनी मर्जी से नहीं बल्कि मजबूरी में मांगने के लिए हाथ फैलाता है. इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत में कहा था कि भीख मांगने को अपराध के दायरे से बाहर नहीं किया जा सकता. उसका तर्क था कि संबंधित कानून में किसी निर्दोष को सजा न हो, यह सुनिश्चित करने के इंतजाम हैं.
भीख मांगने पर अभी कोई केंद्रीय कानून नहीं है. इस मामले में ज्यादातर राज्य बॉम्बे प्रिवेंशन आॅफ बेगिंग एक्ट 1959 का अनुसरण करते हैं. पहली बार भीख मांगते हुए पकड़े जाने पर एक साल और दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन से 10 वर्ष कैद की सजा हो सकती है.

 

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